रायपुर – छत्तीसगढ़ में जब से कांग्रेस ने सत्ता की कमान संभाली है. तब से स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव कुछ ऐसा बयान दे जाते है जो चर्चा का विषय बन जाता है. जिसे सिंहदेव की नाराजगी से जोड़कर देखा जाता है. वर्तमान में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार में वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव ने हाल ही बयान दिया है कि, वह विधानसभा चुनाव से पहले अपने भविष्य के लिए कुछ निर्णय ले सकते है. उनके इस बयान के बाद बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है.
विपक्ष ने उठाया सीएम पर सवाल
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के इस बयान पर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा, भूपेश बघेल को एकला चलो नीति से व्यथित होकर कांग्रेस का आक्रोश सतह पर आने लगा है. पहले भी प्रधानमंत्री आवास ना बना पाने के कारण और अपनी अनदेखी के चलते सिंहदेव ने पंचायत विभाग से इस्तीफा दे दिया था. वहीं टीएस सिंहदेव के बयान को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उन्होंने मीडिया से कहा, उन्होंने (सिंहदेव) कहा फैसला लूंगा, भविष्य के बारे में, चुनाव लड़ने के बारे में. इसे जबरजस्ती घुमाया जा रहा है.
दरअसल, मंत्री टीएस सिंहदेव विकास प्राधिकरण की बैठक में शामिल होने के लिए सूरजपुर पहुंचे हुए थे. उस दौरान उन्होंने कहा कि, वे विधानसभा चुनाव से पहले अपने भविष्य के लिए कुछ निर्णय ले सकते है. सिंहदेव ने कहा था कि, अभी मैंने कुछ सोचा नहीं है. इसके बाद ही कार्यकर्ताओं से कुछ कह पाऊंगा. उनके इस बयान से सभी के मन में यही सवाल चल रहा है कि, आखिरकार मंत्री सिंहदेव कौन सा निर्णय ले सकते है.
यह बताया जा रहा नाराजगी का कारण
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने जिस तरह का बयान दिया है. उसे उनकी मुख्यमंत्री नहीं बन पाने की नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है. उनके निर्णय वाले बयान को आधार बनाकर यह भी चर्चा हो रही है कि, प्रदेश में बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम हो सकता है. इधर कांग्रेस के अंदरखाने में चल रही लड़ाई को लेकर बीजेपी भी बयानबाजी करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है.
गौरतलब है कि, 2023 में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने है. ऐसे में सभी दल के नेता जनता की समस्याओं से मुखातिब होने के लिए जनता के बीच पहुंच रहे है. वहीं जिन नेताओं में पार्टी के प्रति नाराजगी है. वे भी अब खुलकर विरोध करने का मूड बना चुके है. जैसे आज मुंगेली नगर पालिका के दो बीजेपी पार्षदों ने बीजेपी पर विश्वघात का आरोप लगाकर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम के समक्ष कांग्रेस का दामन थाम लिया.