रायपुर – प्रोफेसर सदानंद शाही भिलाई के शंकराचार्य प्रोफेशनल विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त किए गए हैं। प्रदेश की राज्यपाल अनुसूईया उइके ने उनकी नियुक्ति की। बता दें कि सदानंद शाही बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रोफेसर रह चुके हैं। राजभवन से जारी आदेश के अनुसार राज्यपाल सह कुलाध्यक्ष अनुसूईया उइके ने छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) अधिनियम 2005 की धारा 17 की उपधारा (1) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रोफेसर सदानंद शाही को शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी जुनवानी भिलाई का कुलपति नियुक्त किया है।
सदानंद शाही का परिचय एक कवि-आलोचक-संपादक के साथ ही एक प्राध्यापक और प्रशासक का भी है। ‘असीम कुछ भी नहीं’ उनका काव्य-संग्रह है जबकि उनके आलोचना-ग्रंथ ‘परंपरा और प्रतिरोध’, ‘दलित साहित्य की अवधारणा और प्रेमचंद’ और ‘स्वयंभू’ शीर्षक से प्रकाशित हैं। इसके अतिरिक्त, उनका एक शोध-ग्रंथ ‘अपभ्रंश के धार्मिक मुक्तक और हिंदी संत काव्य’ शीर्षक से प्रकाशित है। प्रो. सदानंद शाही साऊथ एशिया इंस्टिट्यूट हाईडेलबर्ग जर्मनी में फ़ेलो रहे हैं और इटली के तूरिनो यूनिवर्सिटी में व्याख्यान और कविता पाठ के लिए आमंत्रित किए गए थे।
राज्यपाल अनुसुईया उइके ने छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2005 की धारा 17 की उपधारा(1) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सदानंद शाही को श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी जुनवानी, भिलाई का कुलपति नियुक्त किया।
शाही को साल 2017 में बिलासपुर विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया था, लेकिन विवाद के कारण उनकी नियुक्ति रद्द कर दी गई थी। दरअसल, प्रो. शाही की बिलासपुर विश्वविद्यालय में कुलपति नियुक्ति के बाद बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के ही एक पूर्व छात्र ने प्रो. शाही के खिलाफ राजभवन को शिकायत भेजी थी। इसमें कहा गया था कि वे कुलपति नियुक्त होने की योग्यता नहीं रखते हैं। इसके बाद 12 जून को तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दोनों पक्षों को सुना और कमेटी की रिपोर्ट के बाद आखिरकार 19 जुलाई को उनकी नियुक्ति रद्द करने का आदेश जारी हो गया।