मैनपुर – छत्तीसगढ प्रदेश में 15 वर्ष भाजपा के सत्ता में काबिज रहने के बाद साढ़े चार वर्ष पहले कांग्रेस की सरकार बनी है सरकार बदल गई लेकिन मैनपुरकला के टुटे पुल की हालत नही सुधर पाई जब कि इस टुट चुके पुल के जांच कराने और दोषियो पर कार्यवाही करने सहित नया पुल निर्माण की मांग को लेकर मैनपुर कला सहित पांच गामो के सैकडो ग्रामीणो ने जंहा कई बार धरना प्रदर्शन और तो और मैनपुर से गरियाबंद तक पदयात्रा कर कलेक्टर को ज्ञापन सौपकर नया पुल निर्माण की मांग कर थक चुके है।
लेकिन अब तक पुल निर्माण कार्य प्रारंभ नही हुआ लगभग 20-25 फीट गहरे गढढे को पार कर पांच ग्रामों के सैकडो आदिवासी ग्रामीणों को प्रतिदिन आना जाना करना पडता है, और तो और इन दिनों खेती किसानी का कार्य चल रहा है गांवो तक टैक्टर के माध्यम से न तो राशन सामग्री पहुच पा रही है और न ही धान जिसके चलते ग्रामीण किसान बेहद परेशान है।
बारिश में मैनपुरकला सहित पांच गांव तब्दील हो जाता है टापू में
बारिश के साथ ही मैनपुरकला सहित इस क्षेत्र के पांच ग्रामो का टापू में तब्दील हो जाता है और यहा के ग्रामीणो को भारी संकटो से गुजरना पड़ता है खासकर गर्भवती माताओं, बीमार लोगो को अस्पताल तक लाना बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ता है और बारिश के दिनो में हल्की बारिश में फिसलन बढ जाने के कारण इस टुटे पुल को पैदल पार करते समय कई बार ग्रामीण दुर्घटना के शिकार भी हो चुके है, अब मैनपुरकला सहित पाच ग्रामों के ग्रामीणो ने फिर एक बार नया पुल निर्माण की मांग को लेकर, उग्र आंदोलन करने की रणनिति तैयार कर आन्दोलन की चेतावनी दिए हैं पिछले 06 -07 वर्ष पहले भारी बारिश से तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज तीन किलोमीटर दुर ग्राम मैनपुरकला जाने वाले मार्ग में लगभग 50 लाख रूपये की लागत से निर्माण किये गये पुल टुट कर बह गया, ग्रामीण पुल टुटने के कारण बगल से आना जाना करते है खेती किसानी कार्य भी प्रभावित हो रहा है गांव तक धान ले जाने में किसानों को भारी दिक्कतो का सामना करना पड रहा है ग्रामीण , महिला पुरूष बच्चे 20 फीट गहरे गढढे को पार कर जान जोखिम में डाल आना जाना करने मजबूर हो रहे है।
भारी बारिश से 2016 में बह गया यह लाखो का पुल
मिली जानकारी के अनुसार अगस्त 2016में झमाझम बारिश से मैनपुरकला मार्ग में लाखों रूपये के लागत से निर्माण किये गये पुल टुट कर बह गया, मैनपुरकला जाने वाली मार्ग मे लोक निर्माण विभाग द्वारा 15 वर्ष पहले लाखो रूपये की लागत से पुल का निर्माण किया गया था और यह पुल गलत मापदण्ड से निर्माण किये जाने के कारण पिछले कुछ वर्षो से धीरे -धीरे क्षतिग्रस्त होते जा रहा था जिसका शिकायत ग्रामीणो द्वारा समय -समय पर संबंधित विभाग के अधिकारियो को आवेदन के माध्यम से करते रहे है लेकिन विभाग के आला अधिकारियो ने कभी इस ओर झांककर देखना पसंद नहीं किया, नतीजा यह हुआ कि भारी बारिश से यह पुल ही टूटकर बह गया जिसके चलते मैनपुरकला, कसाबाय, फुलझर, पण्डरीपानी, मौहाभाठा, गढ्ढाभाठा सहित दर्जन भर ग्राम के लोगो का आना जाना प्रभावित हो रहा है और हजारो लोगो को भारी परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है।इस संबंध मे पूर्व जिला पंचायत सदस्य सियाराम ठाकुर, युवा नेता तनवीर राजपूत, निहाल नेगी, गज्जू नेगी,कमला बाई,प्रेम यादव,जितू कश्यप, वीरेंद्र राजपूत, राकेश ठाकुर,बबलू नागेश, टीकम यादव, धनश्याम साहू,लक्ष्मण ध्रुव, ललित, हेमंत, जितेन्द्र सहित ग्रामीणो ने बताया कि 06 -07वर्ष हो गया पुल को टूटकर बहे लेकिन अब तक नया पुल निर्माण तो बहुत दूर मरम्मत भी नही किया जा सका है कई बार लोक निर्माण विभाग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क विभाग के अधिकारियो से मांग कर थक चुके है अब तक कोई ध्यान नही दिया गया छोटे -छोटे बच्चो इस टूट चुके पुल को पार कर पढ़ाई करने मैनपुर जाते है