मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया को ईडी ने दो दिसंबर को मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। ईडी ने उन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां से चार दिन की रिमांड पर सौंपा गया है। ईडी ने कोर्ट ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी।
रायपुर – प्रवर्तन निदेशालय (ED) के शिकंजे में फंसी राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर और मुख्यमंत्री की उपसचिव सौम्या चौरसिया को लेकर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बड़ा बयान दिया है। सिंहदेव ने कहा कि ईडी ने कार्रवाई की है, तो कोई प्रमाण होगा। ऐसा हमारा मानना है। अगर उसमें कोई भ्रष्टाचार के तथ्य सामने आते हैं तो उसमें जांच होगी। जांच में साबित होता है तो कार्रवाई होगी और होनी भी चाहिए।
अगर बदनाम करने के लिए कार्रवाई तो प्रशासन संज्ञान लेगा
सिंहदेव ने कहा कि, अगर ईडी के पास प्रमाण नहीं है तो यह माना जाएगा कि किसी को अनावश्यक बदनाम करने के लिए गिरफ्तार किया होगा। अगर ऐसा है तो यह गलत है और सरकार का प्रशासनिक अमला इसे संज्ञान में लेगा। सरकार उन्हें बचाने के लिए क्यों ताकत झोंकेगी। वे प्रशासन की अंग है तो प्रशासन अपने स्तर पर देखेगा। सरकार उनकी ओर से क्यों लड़ेगी। वे खुद अपने लिए लड़ेंगी।
ईडी के निशाने पर सिर्फ विपक्ष क्यों, यह प्रश्नचिन्ह लगाता है
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि, ईडी पर प्रश्पचिन्ह भी लगता है। उन्होंने कहा कि, भाजपा से जुड़े लोगों के संदर्भ में जांच क्यों नहीं होती। क्या कोई मानेगा कि भाजपा के लोग भ्रष्टाचार से जुड़े नहीं हो सकते? तो सिर्फ विपक्ष की ही जांच क्यों होती है? ईडी जैसी वैधानिक संस्था वहां कार्रवाई क्यों नहीं करती? उन्होंने कहा कि, गलती है तो कार्रवाई होनी चाहिए, पर द्वेष भावना से नहीं होनी चाहिए।
व्यक्ति अच्छा और बुरा दोनों होता है, पर सारा चरित्र बुरा नहीं होता
उन्होंने कहा कि, अनेको जगह देखने में आया है कि कि राजनीतिक भावना से फेरबदल किया गया, इसमें उल्हें कामयाबी मिली। कई बड़े नेता ईडी के रडार पर हैं? इस सवाल पर सिंहदेव ने कहा कि, कोई हो, कोई भी व्यक्ति हो, अगर गलत किया है तो गलत है। उनका कृत्य गलत है, तो कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि, कोई भी व्यक्ति होता है तो अच्छा और बुरा दोनों होता है। सारा चरित्र बुरा नहीं होता है।