दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद और खालिद सैफी को आरोप मुक्त कर दिया है. इस मामले में दोनों के खिलाफ खजूरी खास इलाके में FIR दर्ज की गई थी.
नई दिल्ली – दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों से जुड़े प्रमुख मामले में आरोपी उमर खालिद और खालिद सैफी को आरोप मुक्त कर दिया है. कोर्ट ने शनिवार (3 दिसंबर) को फैसला सुनाते हुए उमर खालिद और खालिद सैफी को 2020 के दिल्ली दंगों से संबंधित प्रमुख मामलों में से एक में आरोपमुक्त किया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने यह फैसला सुनाया.
कब दर्ज हुई थी FIR?
दिल्ली के खजूरी खास थाना अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) 101/2020 से जुड़े मामले में उमर खालिद और खालिद सैफी को बरी किया गया है. 25 फरवरी 2020 को दर्ज की गई इस प्राथमिकी में पूर्वोत्तर दिल्ली के खजूरी खास इलाके में हुई हिंसा की जांच की गई थी.
अभी जेल में ही रहेंगे दोनों आरोपी
इस मामले में आरोपमुक्त होने के बावजूद, दोनों सीएए विरोधी कार्यकर्ता जेल में ही रहेंगे क्योंकि उन्हें दिल्ली दंगों से जुड़े षड्यंत्र मामले में प्राथमिकी में अब तक जमानत नहीं मिली है. उनके खिलाफ दंगा और आपराधिक साजिश के अन्य आरोपों के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) भी लगाया गया है.
खालिद सैफी की पत्नी ने जताई खुशी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए खालिद सैफी की पत्नी नरगिस सैफी ने कहा कि ढाई साल से अधिक समय के बाद, यह हमारे लिए एक बड़ी जीत है. यह एक अच्छी खबर है. हमने संविधान में विश्वास रखा है और आज हम बहुत खुश हैं. पुलिस के आरोप निराधार साबित हुए हैं.
जानें पूरा मामला
याद दिला दें कि इस मामले में चार्जशीट मुख्य रूप से पूर्व AAP पार्षद ताहिर हुसैन की कथित संलिप्तता पर केंद्रित थी. हालांकि, इसमें उमर खालिद और खालिद सैफी के साथ उनका बार-बार जिक्र किया गया. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चार्जशीट में कथित 8 जनवरी की बैठक की बात की गई थी, जहां हुसैन, खालिद सैफी और उमर खालिद की तिकड़ी कथित तौर पर शाहीन बाग में दंगों की योजना बनाने के लिए मिली थी.