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छत्तीसगढ़ – भानुप्रतापपुर में उपचुनाव की सरगर्मी तेज, कांग्रेस और भाजपा में सीधा मुकाबला

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मनोज मंडावी के निधन से रिक्त हुए भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट में जीत भाजपा और कांग्रेस के लिए अग्नि परीक्षा जैसी होगी। कांग्रेस इस सीट को हर हाल में बचाने में जुटेगी और राज्य में कांग्रेस के मजबूत होने का संकेत देगी, वहीं भाजपा 2023 के विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल मैच के नजरिये से लड़ेगी।

भानुप्रतापपुर – भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव की घोषणा के साथ ही राज्य में चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ भाजपा ने बैठक कर रणनीति पर चर्चा की, वहीं आम आदमी पार्टी ने रविवार को भानुप्रतापपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हिमाचल प्रदेश से लौटने के बाद कांग्रेस की रणनीति तय होगी। माना जा रहा है भानुप्रतापपुर उपचुनाव में कांग्रेस और भाजपा में सीधा मुकाबला रहेगा। आम आदमी पार्टी 2018 में जोर-शोर से उतरी थी, लेकिन दम दिखा नहीं पाई थी, पर वह उपचुनाव में जोर आजमाएगी।

मनोज मंडावी के निधन से रिक्त हुए भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट में जीत भाजपा और कांग्रेस के लिए अग्नि परीक्षा जैसी होगी। कांग्रेस इस सीट को हर हाल में बचाने में जुटेगी और राज्य में कांग्रेस के मजबूत होने का संकेत देगी, वहीं भाजपा 2023 के विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल मैच के नजरिये से लड़ेगी। भाजपा इस सीट को जीतकर 2023 में सत्ता का मजबूत दावेदार के तौर पर अपने को पेश करना चाहती है। कांग्रेस मनोज मंडावी की छवि  को भुनाने के साथ सहानुभूति भी बटोरना चाहती है। इस कारण कांग्रेस स्वर्गीय मनोज मंडावी की पत्नी  सावित्री मंडावी को प्रत्याशी बना सकती है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सावित्री मंडावी को भानुप्रतापपुर से उम्मीदवार बनाने के संकेत उनके क्षेत्र की जनता को दे चुके हैं। सावित्री मंडावी अभी शिक्षक हैं। भानुप्रतापपुर से संभावित प्रत्याशी के रूप में वीरेश ठाकुर का नाम भी सामने आ रहा है। वीरेश ठाकुर 2019 में कांकेर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं। वे मात्र  5000 वोट से भाजपा प्रत्याशी से चुनाव हार गए थे। वैसे जिला पंचायत सदस्य ठाकुर राम कश्यप भी दावेदार बताए जाते हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 7 नवंबर को हिमाचल प्रदेश के चुनाव प्रचार से लौटेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम भी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए हैदराबाद गए। वे भी 7 नवंबर के बाद लौटेंगे। इसके बाद ही कांग्रेस की रणनीति बनेगी। लेकिन कांग्रेस ने प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी है। भाजपा ने भी उपचुनाव के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। खबर है कि पूर्व आईएएस और प्रदेश भाजपा के महामंत्री ओपी चौधरी को चुनाव प्रभारी बनाया गया है।

क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और प्रदेश महामंत्री संगठन पवन साय ने आज प्रदेश प्रभारियों व नेताओं की बैठक उपचुनाव की रणनीति पर चर्चा की। कहा जा रहा  है भानुप्रतापपुर सीट से  भाजपा उम्मीदवार के लिए पूर्व विधायक ब्रह्मानंद नेताम, परमानंद तेता, डॉक्टर गंभीर सिंह ठाकुर और हेमंत ठाकुर का नाम चर्चा में है। गंभीर सिंह ठाकुर और हेमंत ठाकुर पिता-पुत्र हैं। गंभीर सिंह ठाकुर का वे पिछले 6 माह से कांकेर और भानुप्रतापपुर  विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय है और गांव-गांव में छोटे-मोटे कार्यक्रम भी कर रहे हैं।
कुछ दिन पहले उन्होंने अपने गृह ग्राम पुरी में एक बड़ा  कार्यक्रम किया था। पुरी चारामा विकासखंड में आता है। गंभीर सिंह ठाकुर संयुक्त संचालक स्वास्थ्य के पद से रिटायर हुए हैं। गंभीर सिंह ठाकुर के बेटे हेमंत ठाकुर भाजपा से कांकेर जिले से जिला पंचायत के सदस्य भी रह चुके हैं। पूर्व विधायक ब्रह्मानंद नेताम और कोरर निवासी परमानंद तेता का नाम भी चर्चा में है।  वैसे पूर्व विधायक और 2018 के पराजित प्रत्याशी देवलाल दुग्गा फिर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, लेकिन पार्टी अब नया चेहरा चाहती है।

आम आदमी पार्टी भी उपचुनाव में प्रत्याशी खड़ा करेगी। 2018 में  पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी कोमल हुपेन्डी को नौ हजार से अधिक वोट मिले थे। चुनाव की रणनीति और प्रत्याशी के संबंध में चर्चा के लिए रविवार को पार्टी ने  भानुप्रतापपुर में कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई हो। आप की तरफ से इस बार देवलाल नरेटी और प्रभा दुग्गा भी उपचुनाव लड़ने के इच्छुक बताए जाते हैं। दिसंबर में ही गुजरात विधानसभा चुनाव और दिल्ली महानगर पालिका चुनाव के चलते  यहां सारा दारोमदार  स्थानीय नेताओं पर ही रहेगा।

256 मतदान केंद्र बनेंगे
छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि इस सीट के लिए 256 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे, जहां एक लाख 97 हजार 535 मतदाता अपने वोट डालेंगे। यहाँ 69 मतदान केंद्रनक्सल प्रभावित हैं।  इस सीट के लिए मतदान का समय अभी तय नहीं किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के बाद  मतदान का समय तय होगा।au