लखनऊ – समाजवादी पार्टी के संस्थापक और तीन बार बतौर सीएम यूपी की कमान संभालने वाले मुलायम सिंह यादव की अस्थियां मोक्ष की कामना के साथ आज हरिद्वार के नमामि गंगा घाट से पवित्र गंगा नदी में विसर्जित हो गईं। अस्थि विसर्जन की प्रक्रिया के लिए पूरा यादव परिवार पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अगुवाई में गंगा घाट पहुंचा। सैफई की कोठी से अखिलेश अस्थि कलश लिए हरिद्वार के लिए निकले तो उनके साथ चाचा शिवपाल सिंह यादव और पत्नी डिंपल यादव सहित पूरा कुनबा था।
प्राइवेट जेट से सैफई हवाई पट्टी से देहरादून के जौली ग्रांट एयरपोर्ट तक सफर में भी चाचा शिवपाल, अखिलेश और डिंपल के साथ रहे। नमामि गंगे घाट पर अस्थि विसर्जन से पहले ही पूजा के दौरान बड़ी तादाद में घाट से कुछ दूरी पर मुलायम सिंह यादव के चाहने वाले मौजूद रहे। घाट पर सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच दोपहर 2:10 बजे अखिलेश यादव ने अपने पिता और भारतीय राजनीति में धरतीपुत्र के नाम से प्रसिद्ध मुलायम सिंह यादव की अस्थियां गंगा की गोद में विसर्जित कर दीं। कर्मकांड के दौरान कई बार अखिलेश की आंखें नम हुईं।
अस्थि विसर्जन की प्रक्रिया के बाद अखिलेश यादव नदी से निकलकर वापस घाट पर लौटे। यहां एक बार फिर उन्होंने अस्थि विसर्जन के बाकी कर्मकांड पूरे किए। सबने दोनों हाथ जोड़कर मां गंगा को प्रणाम करने के साथ मुलायम सिंह यादव को भी नमन किया। इसी के साथ पूजन की प्रक्रिया सम्पन्न हुई और ‘मुलायम सिंह यादव अमर रहें’ के नारे लगने लगे। कर्मकांडों की पूरी प्रक्रिया 45 से 50 मिनट तक चली।
अखिलेश और पूरे परिवार ने किया गंगा स्नान
अस्थि विसर्जन की प्रक्रिया सम्पन्न होने के बाद अखिलेश यादव, डिंपल यादव, उनके बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों ने गंगा स्नान भी किया।
घाट पर समर्थकों में अखिलेश से मिलने की होड़
पिता के अस्थि विसर्जन के लिए हरिद्वार पहुंचे अखिलेश से मिलने के लिए देहरादून के जौली ग्रांट एयरपोर्ट से हरिद्वार के नमामि गंगे घाट तक समथकों में होड़ देखने को मिली। पूरे रास्ते और घाट पर पूर्व मुख्यमंत्री के नाते अखिलेश के साथ उनकी अपनी सुरक्षा तो थी ही उत्तराखंड सरकार ने भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। बड़ी संख्या में पहुंचे समर्थकों को घाट से कुछ दूरी पर ही रोक लिया गया था।