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क्या है डिजिटल बैंकिंग? जिसके पीएम मोदी ने गिनाए फायदे, जनता को होगी आसानी

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नई दिल्ली – पीएम मोदी के द्वारा हाल ही में 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट (डीबीयू) सेवाओं का आगाज किया गया है। यही डीबीयू भारत को विकसित राष्ट्र के पथ पर ले जाने की गाथा लिखेगी। देश की आजादी को 75 वर्ष पूरे होने पर पीएम मोदी की ओर से दी गई यह सौगात इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखी जाएगी। इस डीबीयू के माध्यम से बैंकिंग सेवाएं अब ग्रामीण लोगों की दहलीज तक पहुंचेंगी। इसके लिए उन्हें भागदौड़ करने और कहीं जाकर अपना समय बर्बाद करने की जरूरत नहीं होगी।

नई संभावनाओं के द्वार खोलेगी डीबीयू

प्रधानमंत्री ने कहा है कि ‘फिनटेक’ देश में वित्तीय समावेशन में आमूलचूल बदलाव लाएगा। वहीं इससे पहले यूपीआई ने भारत के लिए नई संभावनाओं के नए दरवाजे खोले हैं। अब ‘वोकल फॉर लोकल’ से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। भारत ने ‘फोन बैंकिंग’ की जगह ‘डिजिटल बैंकिंग’ का उपयोग करते हुए सतत वृद्धि हासिल की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में देशभर के 75 जिलों में डिजिटल बैंकिंग इकाइयां स्थापित करने की घोषणा की थी। अब इस आगाज में सार्वजनिक क्षेत्र के 11 और निजी क्षेत्र के 12 व एक लघु वित्त बैंक समेत कुल 24 बैंक जुड़ गए हैं।

क्या है डिजिटल बैंकिंग

ऑनलाइन अकाउंट खुलवाने से लेकर लेन-देन करने तक के काम को डिजिटल बैंकिंग कहा जाता है। बैलेंस चेक करना, पासबुक प्रिंट, निवेश, फंड ट्रांसफर, लोन, क्रेडिट और डेबिट कार्ड के लिए आवेदन, जोरी किए गए पेमेंट को रोकने के निर्देश, टैक्स और बिल पेमेंट जैसी सुविधाएं डिजिटल बैंकिंग के माध्यम से मिलेंगी। डिजिटल बैंकिंग को आप ट्रेडिशनल बैंकिंग कह सकते हैं, क्योंकि डिजिटल बैंकिंग और अन्य बैंकों में फर्क सिर्फ इतना है कि इसमें फिजिकल शाखा (ब्रांच) नहीं होती है। यही कारण है कि ये ऑफलाइन काम नहीं करती है और पूरी तरह से ऑनलाइन होती है। इसके इस्तेमाल के लिए आपको इंटरनेट की जरूरत होती है। आपको जानकार खुशी होगी कि आप मोबाइल के जरिए भी इसके सेवा का लाभ ले सकते हैं।

डीबीयू में मिलेंगी ये महत्वपूर्ण सुविधाएं

इन डिजिटल बैंकिंग इकाइयों में ग्राहकों को अपना बचत खाता खोलने, खाते में शेष राशि पता करने, पासबुक प्रिंट कराने, पैसे भेजने, सावधि जमा निवेश के अलावा क्रेडिट-डेबिट कार्ड और कर्ज के लिए आवेदन जैसे काम करने की पूरी सुविधा होगी। इससे लोगों की भागदौड़ कम होने के साथ उन्हें तमाम कागजात जुटाने और उसका वेरीफिकेशन कराने की लंबी प्रक्रिया से भी गुजरना नहीं पड़ेगा। क्योंकि डीबीयू यह सब काम मिनटों में कर देगा। इससे उनका धन और समय दोनों बचेगा। सुविधाओं में उत्कृष्टता, गुणवत्ता और पारदर्शिता भी आएगी।