नवरात्रि की महाअष्टमी 3 अक्टूबर 2022 को है. इस दिन कुछ विशेष उपाय साधक के जीवन में सौभाग्य लाते हैं. आइए जानते हैं शारदीय नवरात्रि की अष्टमी के उपाय
कन्या पूजन में 9 कुमारियों को लाल रंग की चुनरी, श्रृंगार का सामान, नारियल और चावल जरूर उपहार में दें. कहते हैं कन्याओं को दी ये भेंट सीधे देवी मां स्वीकार करती हैं. मान्यता है कि बेटी जब विदा होती है तो चावल उपहार में दिया जाता है. इससे घर में लक्ष्मी का वास होता है. धन का आगमन होता है.
अष्टमी-नवमी पर देवी की रात्रि पूजा दोगुना फल प्रदान करती है. अष्टमी-नवमी वाले दिन मां के समक्ष एक कलश में 9 अशोक के पत्ते डाले और ब्राह्मी, माहेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वारही, नरसिंही, इंद्राणी और चामुंडा देवी का आवाहन करें. ये देवियां विभिन्न ऊर्जा का प्रतिनिध्तव करती हैं. अब दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का 108 बार जाप करें और रात 12 बजे घर के मुख्य द्वार पर गाय के घी का दीप जलाएं और पूरे घर में कलश का जल छिड़क दें. ये महाअष्टमी का महाउपाय माना जाता है. इससे सर्व सिद्धि प्राप्त होने का वरदान मिलता है.
दुर्गाष्टमी पर 11 पीपल पर सिंदूर में घी मिलाकर राम का नाम लिखें. इन पत्तों की माला हनुमान जी को अर्पित करें. मान्यता है इससे हर संकट दूर हो जाता है. सारी विपदाएं टल जाती है.
व्यापार या नौकरी में तरक्की नहीं हो पा रही, मेहनत करने के बाद भी वाजिब परिणाम नहीं मिल रहा तो अष्टमी के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान कर लाल वस्त्र धारण करें और देवी मां को लाल रंग की चुनरी सिक्के और बताशे रखकर अर्पित करें. इससे सफलता की राह में आ रहे रोड़े खत्म हो जाएंगे.
महाअष्टमी के दिन संधि पूजा के समय रात्रि सूक्त का पाठ करना चाहिए. इससे साधक देवी की प्रसन्नता का पात्र बनता है. पाठ से पहले लाल फूल और अक्षत हाथ में लेकर विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें और इसे देवी को चढ़ा दें.