गोहरापदर – गोहरापदर में पूर्व जनपद उपाध्यक्ष रनिया तिवारी के निवास पर लोक पर्व कमरछठ में ग्राम एवं आस पास की महिलाएं पूजन हेतु पहुंची.इस पर्व को कमरछठ,हलषष्ठी,ललहीछठ और ललिता व्रत के नाम से भी जाना जाता हैं।
लोक पर्व हलषष्ठी कमरछठ महिलाओं ने सुबह से ही महुआ पेड़ का दातुन कर स्नान कर अपनी संतानों के लिए व्रत धारण रखा पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार भैंस के दूध का सेवन कर दोपहर के बाद आंगन मंदिरों या गांव के चौपाल आदि जगहों पर सगरी बनावट ही तलाब बनाकर उसमें जल भरेंगे वही तालाब के किनारे बर गुन्नर आदि पेड़ों की टहनियों व काशी के फूल को लगाकर पूजा की सामने एक चौकी पर गौरी गणेश कलश रखकर हल षष्ठी देवी स्थापना कर पूजन की तथा घी में सिंदूर मिलाकर प्रतिमा तैयार कर उस पर साड़ी सुहाग सामग्री भी चढ़ाई साथ ही माता की कहानियों की कथा के रूप में श्रवण किया।।
इस दौरान पूजन सामग्री में पशहर चांवल महुआ पान,धान की लाई भैंस का दूध दही घी आदि से पूजन किया साथ ही बच्चों के खिलौने भी रखे गये कमरछठ को लेकर पौराणिक कथा वसुदेव देवकी के 6 बच्चों से जुड़ी हुई है उसके मुताबिक कंस ने कारागार में उन सभी को मार डाला था वही जब सातवें बच्चे के जन्म का समय आया तो देवर्षि नारद ने देखी को हलषष्टि देवी का व्रत रखने की सलाह दी देवकी ने इस व्रत को सबसे पहले किया जिसके प्रभाव से उनके आने वाली संतान की रक्षा हुई