महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी ने अपनी विवादित टिप्पणी के लिए माफी मांगी
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक बयान के जरिए अपनी टिप्पणी पर खेद जताया है. राजभवन की ओर से यह बयान जारी किया गया है.
राज्यपाल कोश्यारी का बयान
निवेदन
विगत 29 जुलाई को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मुंबई के विकास में कुछ समुदायों के योगदान की प्रशंसा करने में संभवतया मेरी ओर से कुछ चूक हो गयी.
महाराष्ट्र ही नहीं, समस्त भारत वर्ष में विकास का सभी का विशेष योगदान रहता है. विशेषकर संबंधित प्रदेश की उदारता व सबको साथ लेकर चलने की उज्ज्वल परम्परा से ही आज देश प्रगति की ओर बढ़ रहा है.
विगत लगभग तीन वर्षों में महाराष्ट्र की जनता का मुझे अपार प्रेम मिला है. मैंने महाराष्ट्र और मराठी भाषा का सम्मान बढ़ाने का पूरा प्रयास किया है. किन्तु उक्त भाषण में मुझसे अनायास कुछ भूल हो गई हो तो इस भूल को महाराष्ट्र जैसे महान प्रदेश की अवमानना के रूप में लेने की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती. महाराष्ट्र के महान संतों की परम्परा में अपने इस विनम्र राज्य सेवक को क्षमा कर अपनी विशाल हृदयता का परिचय देंगे.
भगत सिंह कोश्यारी,राज्यपाल, महाराष्ट्र
गौरतलब है कि गवर्नर की विवादित टिप्पणी का संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि ये राज्यपाल की व्यक्तिगत टिप्पणी थी, वे उनका समर्थन नहीं करते. महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी शिंदे के रुख से सहमति व्यक्त जताई थी. इससे बीएस कोश्यारी अलग-थलग पड़ गए थे.
शिवसेना और कांग्रेस के कई नेताओं ने बीते सप्ताह में कोश्यारी की आलोचना की थी और उनसे माफी मांगने की मांग की थी. शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कोश्यारी पर मुंबई और ठाणे में “शांति से रहने वाले हिंदुओं को विभाजित करने” का आरोप लगाया था. उन्होंने उनसे माफी मांगने की मांग करते हुए कहा था कि यह तय करने का समय आ गया है कि उन्हें घर वापस भेजा जाना चाहिए या जेल. शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि “मराठी लोगों का अपमान हो रहा है.”
कोश्यारी को हर तरफ से तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा. कांग्रेस नेता जयराम रमेश और सचिन सावंत ने भी राज्यपाल के भाषण का वीडियो ट्वीट करके उनकी टिप्पणी की आलोचना की थी.