रमन सिंह ने आरोप लगाया कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है।
रायपुर – पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पिछले दिनों आयकर विभाग के छापों के लेकर राज्य सरकार पर भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने की कोशिश करने आरोप लगाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस्तीफे की मांग की है। मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में रमन सिंह ने कहा कि 30 जून को कांग्रेस की भ्रष्ट भूपेश सरकार के कारण छत्तीसगढ़ महतारी एक बार फिर शर्मसार हुई। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि इस दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव के दुर्ग स्थित आवास में आयकर विभाग ने 24 माह में दूसरी बार छापा मारा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के करीबी सूर्यकांत तिवारी और उनके सहयोगी के परिसरों समेत कुल 30 स्थानों में कार्यवाही की। यह वही सूर्यकांत तिवारी हैं, जब अस्पताल में भर्ती होते हैं तो मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल और विधायकों के साथ उनका हाल चाल जानने पहुंच जाते हैं।
पूर्व सीएम ने कहा, इस छापे में कुल 9.5 करोड़ रुपये अघोषित नगद और 4.5 करोड़ रुपये के जेवर बरामद हुए हैं, साथ ही दो सौ करोड़ रुपए से अधिक धन का भी पता चला है। यह छापा राज्य में मुख्य रूप से कोयला परिवहन से हो रही अवैध कमाई को भी साबित करती है। इस जांच के दौरान 50 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति के दस्तावेज भी आयकर विभाग को मिले हैं।
रमन सिंह ने आरोप लगाया कि इस जांच में सूर्यकांत तिवारी द्वारा कोरबा की एक कोल वाशरी को खरीदने में 45 करोड़ रुपये के अघोषित नगद भुगतान का भी प्रमाण मिला है। अभी हाल में विधानसभा चुनाव में भी नगद भुगतान के प्रमाण भी आयकर विभाग को मिले हैं। आयकर विभाग की कार्यवाही की प्रारंभिक जांच में जो प्रमाण मिले हैं वे राज्य में हो रही कई सौ करोड़ रुपए की अवैध उगाही को प्रमाणित करते हैं, जिसकी जांच विभाग द्वारा की जा रही है।
रमन सिंह ने आरोप लगाया कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है। यह सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है, यह सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है। इस जांच से यह साबित होता है कि इसमें मुख्यमंत्री पूरी तरह से संलिप्त हैं और नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री को तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।