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टीएस सिंहदेव “बाबा” का मुख्‍यमंत्री बनना तय, शाम पांच बजे तक हो सकती है औपचारिक घोषणा, रायपुर में भूपेश के फ्लैक्‍स हटाए जाने की खबर, जोगी कांग्रेस का विलय भी सिंहदेव के साथ ही मुमकिन

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दिल्‍ली/रायपुर।

छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल के जन्‍मदिन के बाद तेजी से बदले सियासी समीकरण अब टीएस सिंहदेव के पक्ष में दिख रहे हैं। संभावना जताई जा रही है कि आलाकमान ने टीएस सिंहदेव को प्रदेश की बागडोर सौंपने का मन बना लिया है। आज शाम तक इस संबंध में कांग्रेस की ओर से औपचारिक घोषणा किए जाने के संकेत मिल रहे हैं। सिहंदेव बीते 5 दिनों से दिल्‍ली में हैं।

इधर, मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल दोपहर 12 बजे के लगभग दिल्‍ली रवाना हुए हैं। इससे पहले ही प्रदेश के 40 से अधिक विधायक जिनमें मंत्री भी शामिल हैं दिल्‍ली पहुंच चुके हैं। राजधानी से रवाना होने से पहले मुख्‍यमंत्री बघेल ने कहा कि उन्‍हें महासचिव वेणुगोपाल ने बुलाया है और वहां राहुल गांधी से भी मुलाकात होगी।

बीते चार दिनों से प्रदेश के पंचायत एवं स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री टीएस सिंहदेव डेरा जमाए हुए हैं। मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव की अब तक राहुल गांधी, राष्‍ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से दो दिन पहले ही बैठक हो चुकी है। इस बीच मुख्‍यमंत्री की वापसी तो हो गई थी लेकिन आलाकमान के निर्देश पर टीएस बाबा को दिल्‍ली में ही रोक लिया गया था।

बताया जाता है कि राष्‍ट्रीय संगठन के नेताओं से भी मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल पटरी बिठाने में नाकामयाब रहे हैं। महासचिव केसी वेणुगोपाल, श्रीनिवास जैसे नेता उनके पक्ष में नहीं दिखते। इसके उलट टीएस सिंहदेव का राष्‍ट्रीय नेताओं से संबंध कही ज्‍यादा बेहतर है। इसका फर्क भी नए निर्णय में देखने को मिलेगा।

सामुहिक इस्‍तीफे जैसा कुछ नहीं होने वाला

इस बीच एक खबर आई थी कि मुख्‍यमंत्री बदले जाने पर विधायकों ने सामुहिक इस्‍तीफे की बात कही है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। पंद्रह साल वर्षों के वनवास के बाद कांग्रेस को सत्‍ता हासिल हुई है। ऐसे में विधायक खुलकर किसी के विरोध में नहीं हैं। अलबत्‍ता वे तेजी से बदलते घटनाक्रम पर नज़र जरुर बनाए हुए हैं। टीएस सिंहदेव की स्‍वीकार्यता को चुनौती देना भी मुश्किल ही है। अगले मुख्‍यमंत्री की औपचारिक घोषणा के बाद दिल्‍ली की जगह विधायक सरगुजा महल की दौड़ लगाएंगे।

जोगी कांग्रेस भी टीएस सिंहदेव के साथ

रेणु जोगी भी दिल्‍ली पहुंच चुकी हैं। उनकी सोनिया गांधी से मुलाकात तय होना बताया जा रहा है। अटकले हैं कि जोगी कांग्रेस का कांग्रेस में विलय हो सकता है। मौजूदा वक्‍त में जोगी कांग्रेस के पास 4 विधायक हैं। सभी जानते हैं कि मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल के साथ जोगी परिवार के रिश्‍ते ठीक नहीं हैं। दोनों की राजनीतिक विचारधारा भी अलग है। ऐसे में जोगी कांग्रेस का विलय तभी संभव है जब टीएस सिंहदेव नेतृत्‍व करें। जोगी कांग्रेस का समर्थन भी टीएस सिंहदेव को ही मिलेगा।

फ्लैक्‍स की प्रिंटिंग के मायने क्‍या हैं

इधर, सूत्र दावा कर रहे हैं कि रायपुर में लगे मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल को जन्‍मदिन के शुभकामनाओं वाले फ्लैक्‍स हटाए जा रहे हैं। जबकि उनके जन्‍मदिन को बीते सिर्फ 4 दिन ही हुए हैं। पहले यह फ्लैक्‍स 15 से 25 दिनों तक लगे हुआ करते थे। बताया यह भी जा रहा है कि रायपुर और सरगुजा में नए फ्लैक्‍स की प्रिंटिंग भी शुरु की जा चुकी है। यह घटनाक्रम संकेत करता है कि छत्‍तीसगढ़ में नेतृत्‍व बदले जाने की पूरी तैयारी है।