बालाघाट/रजेगांव( प्रतिनिधि)। जिले में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती रफ्तार से लोगों की जिंदगी ठहर सी गई है। कुछ जीने की गरज में एक बार फिर कोसों दूर का सफर तय कर अपने घर वापस लौट रहे हैं तो कुछ अपनी जिंदगी बचाने अस्पतालों और घरों में जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे हैं। संक्रमितों के बढ़ते आंकड़ों के सामने स्वास्थ्य सुविधाएं भी दम तोड़ने लगी हैं। बे-पटरी हुई स्वास्थ्य सुविधाओं से हालात यह हो गए हैं कि न अस्पताल में जगह बची है न घरों में लोगों का ठिकाना है। सैकड़ों लोग कोरोना की चपेट में हैं। जिले में कोरोना से और तीन लोगों की मौत हो गई है।
जिले में पिछले एक माह से प्रवासी मजदूरों की घर वापसी का सिलसिला थमा नहीं है। लाकडाउन और कोरोना क र्फ्यू के चलते लोग बढ़ी संख्या में घर वापस लौट रहे हैं। फिर अधर में फंसी जिंदगी में लोग ठिकाना तलाश रहे हैं। दो वक्त की रोजी कमाने घर से निकले कदम वापस लौटने से एक बार फिर व्यवस्था बिगड़ने लगी है।
कुछ राहत और आफत भी
कोरोना के संक्रमण से न हालात बदल रहे हैं,न तस्वीर,कुछ कदम लोग पैदल चलकर सफर तय कर रहे हैं,तो कुछ दूर ट्रैक्सी टैंपों का सहारा ले रहे हैं। रजेगांव बॉर्डर से बड़ी संख्या में रोजाना सुबह से देर शाम तक मजदूरों की आवाजाही का सिलसिला जा रही हैं। पाबंदी नहीं है,लेकिन यह स्थिति अब घातक होती जा रही है। दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में भी मजदूरों के साथ कोरोना की दस्तक होने लगी है।
जिले में कोरोना की स्थिति
अब तक कुल लिए गए सेंपल -97144 मरीजों के सेंपल।
अब तक कुल पॉजीटिवि मरीज – 4539
अब तक स्वस्थ्य हो चुके मरीज-3602
24 घंटे में पॉजीटिवि केस – 140
48 घंटे में पॉजीटिवि केस – 284
एक्टिव केस – 915
आइसोलेशन बेड पर – 80 मरीज भर्ती।
होम आइसोलेशन में -795 मरीज।
आईसीयू बेड पर भर्ती मरीज -13
ऑक्सीजन युक्त बेड पर- 27
मौत -32
जिले में मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते ऑक्सीजन सिलेंडर की डिमांड बढ़ रही है। आपूर्ति के लिए जबलपुर से बड़े सिलेंडर बुलाए जा चुके हैं। नागपुर से छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर बुलाए जा रहे हैं। जिला अस्पताल में 30 बेड और बढ़ाए जा रहे हैं। मुलना स्टेडियम के इनडोर हॉल को भी कोविड सेंटर बनाया गया है। वहीं जांच के लिए अलग-अलग स्थानों पर केंद्र बढ़ाए गए हैं।
– डॉ.मनोज पांडे,सीएमएचओ बालाघाट