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निलंबित SDM को न्यायालय में किया गया पेश, कार्यालय में तोड़फोड़ का रचा था षडयंत्र !

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निलंबित SDM अनिल सपकाले को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया है। न्यायालय में पेश करने के पहले एसडीएम सपकाले के वॉयस सेंपल
लिए गए हैं, जो जांच के लिए भेजे जाएंगे ।

न्यायालय में पेश करने के दौरान जिला अदालत में मौजूद वकीलों ने सपकाले के खिलाफ जोरदार नारे लगाए ।आरोपी एसडीएम को न्यायालय में पेश करने के दौरान जिला अदालत में भारी पुलिस बल मौजूद रहा।

बता दें कि आरोपों के मुताबिक एसडीएम सपकाले ने अपने एसडीएम कार्यालय में ही तोड़फोड़ का षड़यंत्र रचा था।

पुलिस के बताए मुताबिक तहसील में एसडीएम कार्यालय में तोड़फोड़ और फायरिंग का मास्टर माइंड खुद एसडीएम अनिल सपकाले ही था। एसडीएम ने भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा मप्र के मंत्री जावेद अख्तर और श्रीकृष्णा यूनिवर्सिटी के चेयरमैन पुष्पेंद्र सिंह गौतम की मदद से वारदात का षड्यंत्र रचा। वारदात से करीब एक घंटा पहले एसडीएम के कहने पर जावेद अख्तर ने तीन लड़के अमित सिंह परमार, अर्जुन श्रीवास और संतोष सोनी को भेजा। इनमें से एक अर्जुन श्रीवास को एसडीएम अनिल सपकाले ने सर्किट हाउस में अपने पास बुलाया। टिप्स देते हुए समझाया कि उन्हें कहां से जाना है, कहां से लौटना है और कहां खड़े रहकर फायर करना है। इसके बाद पुष्पेंद्र गौतम का ड्राइवर राजू बुंदेला इन लड़कों से मिला। फिर इन लड़कों ने मिलकर हमला किया। जावेद अख्तर पहले से घटना स्थल पर मौजूद था। एसपी ने बताया कि अब इस केस में सार्वजनिक संपत्ति निवारण अधिनियम, साजिश और आर्म्स एक्ट की धाराएं बढ़ा दी गई हैं। सभी आरोपियों को एक जैसी धाराओं में आरोपी बनाया गया है। गिरफ्तार आरोपियों के पास से कट्‌टा कारतूस, बेसबाल का बैट और दो लाठियां जब्त कर ली हैं।

अनिल सपकाले ने इस षड्यंत्र में पुष्पेंद्र सिंह गौतम और जावेद अख्तर की मदद ली। पुष्पेंद्र ने पुलिस के सामने स्वीकार किया कि उनके और अभय सिंह भदौरिया के बीच व्यावसायिक प्रतिद्वंदिता है। इस कारण वह एसडीएम के षड्यंत्र का हिस्सा बन गए। पुष्पेंद्र ने पुलिस को बताया कि एसडीएम से 10 सालों से मित्रता है। सपकाले को अब तक 15 लाख रुपए दिए हैं। दिसंबर माह में ही 4.70 लाख रुपए दिए थे। वहीं जावेद अख्तर ने बताया कि उसकी जमीन नेशनल हाइवे में अधिग्रहीत की गई है। उसे मुआवजा के करीब 40 लाख रुपए मिलना है। इस कारण वह कई दिनों से एसडीएम से जुड़ा है। उसने एसडीएम को रिश्वत दी है। एसडीएम कक्ष का रेनोवेशन और एक नया कक्ष भी अपने पैसे से कराया है। साथ ही षड्यंत्र में मदद को तैयार हुआ।