कई अंगों से मिलकर इंसान के शरीर का निर्माण होता है. इन्हीं अंगों के काम न करने के कारण इंसान की मृत्यु हो जाती है. हालांकि मृत्यु के और भी कई कारण हो सकते हैं लेकिन व्यक्ति के मृत होते ही उसके अंग काम करना बंद कर देते हैं. लेकिन आपको जानकर ये हैरानी होगी कि अमेरिका के ड्यूक यूनिवर्सिटी के डॉक्टर्स ने मृत व्यक्ति के दिल को फिर से धड़काने का काम किया है. डॉक्टर्स ने एक मृत व्यक्ति के दिल को दोबारा धड़काकर दूसरे व्यक्ति के शरीर में सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया.
दरअसल, सडन कार्डियक डेथ (एससीडी) के बाद एक व्यक्ति के शरीर में रक्त संचार बंद हो गया था और दिल भी काम करना बंद कर दिया था. ड्यूक यूनिवर्सिटी के डॉक्टर्स ने इस मतक के दिल को ऑक्सीजन, इलेक्ट्रोलाइट्स और ब्लड देकर फिर से धड़कन शरू कर दी. जिसके बाद इस दिल को एक अन्य व्यक्ति के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया. प्रत्यारोपण से पहले डॉक्टर्स की टीम ने दिल को धड़काने का वीडियो रिकॉर्ड किया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
इस दिल को प्रत्यारोपित करने वाले टीम के सदस्य डॉक्टर जैकब श्रोडर के अनुसार, अंगों के दान में समय सबसे प्रमुख भूमिका निभाता है. जैसे ही व्यक्ति की मौत होती है. ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है. इससे टिश्यू तेजी से खत्म होकर हार्ट की धड़कन को कम करने लगते हैं. प्राकृतिक मौत के बाद जब दिल की धड़कन रुक जाती है, तब भी दिल तक थोड़ी मात्रा में ऑक्सीजन पहुंच रही होती है.
डॉक्टर जैकब श्रोडर ने बताया कि दिल को संक्रमित होने से बचाने के लिए अधिक से अधिक ठंडे वातावरण में रखा जाता है. इंसान के शरीर में यही एक मात्र अंग है, जो शरीर के बाहर रहते हुए भी 4 से 6 घंटे तक काम कर सकता है. उन्होंने बताया कि इस मृत व्यक्ति के दिल को निकाल कर तुरंत मशीन से जुड़ी नली से जोड़ दिया. मशीन से दिल को जैसे ब्लड, ऑक्सीजन और इलेक्ट्रोलाइट्स सप्लाई हुई. वह तुरंत धड़कने लगा. डॉक्टर जैकब ने बताया कि इस तकनीक को परफ्यूजन कहा जाता है.
परफ्यूजन का पहली बार इस्तेमाल 2015 में यूके रॉयल पापवर्थ हॉस्पिटल में किया गया था. तब से लेकर अब तक रॉयल अस्पताल ने 75 से अधिक ऐसे दिलों को प्रत्यर्पित किया जो शरीर में रक्त का संचार बंद कर चुके थे.