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जिनके कानों पर होते हैं बाल, उनकी ये गुप्त बात होश उड़ा देगी आपके…जानिए

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शारीरिक अंगो का विश्लेषण कर व्यक्ति के चरित्र की व्याख्या करना ही सामुद्रिक शास्त्र है। यह हिन्दू शास्त्रों द्वारा प्रदान की गई ऐसी विधा है जिसे गहरे अध्ययन के बाद ही उजागर किया गया। सोचा जाए तो वर्षों लगे होंगे हर विषय से संबंधित निष्कर्ष प्रदान करने में और वह भी एक ऐसा निष्कर्ष जो हर रूप, हर व्यक्ति पर फिट बैठ सके।इसी सम्बन्ध में आज हम आपको अपने इस पोस्ट के माध्यम से सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के कानों को देखकर उसके व्यवहार ,चरित्र और भी कई गुप्त बाते जान सकते है |तो आइये हम आपको बताते है क्या कहते है आपके कानो की बनावट आपके बारे में.

सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन व्यक्तियों के कान सामान्य आकार से बहुत छोटे होते है ऐसे व्यक्तिय के धन के मामले में बहुत ही कमजोर होते है साथ ही ये पैसो का ज्यादा खर्च करना नहीं चाहते या फिर आप इन्हें कंजूस कह सकते है |ऐसे व्यक्ति काफी बलवान होते है साथ ही विश्वास करने के योग्य भी होते है

जिन व्यक्तियों के काम सामान्य से लम्बे होते है ऐसे व्यक्ति परिश्रमी विचारशील, कर्मठ, तथा व्यावहारिक होता है। ऐसा व्यक्ति बहुत ही समय के पाबंद होते है ये कोई भी काम यथाशीघ्र तथा सही तरीके से करना चाहते है। अधिक लम्बे कान बल-बुद्धि-विद्या का प्रतीक है। ऐसा व्यक्ति धनवान भी होता है।

चौड़े कान वाले व्यक्ति अपने जीवन में सभी प्रकार की सुख-सुविधा का उपभोग करते है साथ ही ऐसे लोग अवसर का पूरा फायदा उठाते है और जीवन सफलता हासिल करते है |चौड़े कान वाले लोग सुख-समृद्धि पाते है। इन लोगों की आयु भी बहुत लम्बी होती है।

सामान्य से मोटे कान वाले व्यक्ति राजनीति के क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ सकता है या यू कहे की ऐसे व्यक्ति नेता होता हैं या अपने कार्यक्षेत्र में आगे बढ़कर काम करने वाले होते।

जिन लोगो के कान के आकार बन्दर जैसा होता है ऐसे व्यक्तियों को असभ्य श्रेणी में रखा गया है |इनके स्वभाव में क्रोध, लोभ, मोह तथा अहंकार भरा पड़ा होता है |इनका पारिवारिक जीवन संघर्ष और दुःख से व्यतीत होता है। साथ ही ये लोग धन के मामले में भी कमजोर ही होते है।

कान पर बड़े-बड़े बाल होना धन का प्रतीक माना गया है। ऐसा व्यक्ति भाग्यशाली कहलाता है। ऐसे लोग की आयु लम्बी होती है और अपने ही परिश्रम के बल पर अपार धन संपत्तिे अर्जिुत करते हैं। ऐसे व्यक्ति चालाक, स्वार्थी, अहंकारी, तथा व्यवहारकुशल होते हैं। धन संचय करना इनका मुख्य उद्देश्य हो जाता है और इसके लिए ये किसी भी हद तक जा सकते हैं।