आमरण अनशन के दौरान आंदोलनकारियों की तबीयत खराब होने पर बीती रात जिला प्रशासन व पुलिस की टीम उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाने पहुंची। इसी दौरान पावर मजदूर संघ कार्यकर्ता व उनके परिजनों द्वारा प्रशासन व प्लांट प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर इसका विरोध किय गयाा। विरोध करने पर पुलिस ने 67 आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर जिला जेल पहुंचाया। वहीं आज अन्य तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इसके विरोध में आंदोलनकारियों के परिजनों ने जेल के बाहर आंदोलन किया। केएसके महानदी पावर कम्पनी लिमिटेड नरियरा के लॉक आउट होने के बाद प्लांट प्रबंधन द्वारा दो मजदूर संगठनों के लगभग 35 से अधिक मजदूर नेताओं व कार्यकर्ताओं को निलंबित कर दिया है।
प्लांट प्रबंधन के निर्णय का विरोध करते हुए 25 सितम्बर को एचएमएस के कर्मचारी प्लांट के बाहर तक आए मगर निलंबित कर्मचारियों को प्रवेश नहीं देने के कारण वे काम करने नहीं गए और गेट के बाहर नारेबाजी करते रहे। उनके निलबंन के द्वारा मजदूर संगठनों द्वारा लगातार निलंबित कर्मचारियों को वापस लेने की मांग की जा रही है। इस दौरान लगातार संगठन द्वारा विभिन्न् माध्यमों से प्लांट प्रबंधन को निर्णय वापस लेने व निलंबित कर्मचारियों को वापस कार्य में रखने की मांग की जा रही है, मगर प्रबंधन निलंबित कर्मचारियों को वापस काम पर नहीं लेने के निर्णय पर अडिग है। इस दौरान जिला प्रशासन, प्लांट प्रबंधन व श्रमिक संगठनों द्वारा लगातार त्रिपक्षीय बैठकों का दौर जारी रहा, बावजूद इसके प्रबंधन द्वारा मजदूर संगठनों की बात नहीं मानी गई।
यहां प्लांट प्रबंधन के खिलाफ 12 अक्टूबर से छग पावर मजदूर संघ (एचएमएस) यूनियन ने प्लांट के मुख्य गेट पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया। वहीं संगठन द्वारा 17 अक्टूबर से आमरण अनशन करने का निर्णय लिया गया। छग पावर मजदूर संघ ने केएसके महानदी पावर कंपनी नरियरा के खिलाफ 17 अक्टूबर से मजदूर नेता नवापारा निवासी पारस दुबे, नरियरा निवासी लोभन साहू, अविनाश महिलपाल, रामकृष्ण धीवर, दाऊलाल लहरे और रोगदा निवासी रवि नोरगे व मन्नू मरावी आमरण अनशन शुरू कर दिया।
इसी दिन शाम 4 बजे अतिरिक्त कलेक्टर के कार्यालय में बैठक बुलाई गई। जिसमे कम्पनी प्रबन्धन के द्वारा 18 सितम्बर के त्रिपक्षीय समझौते के उल्लंघन के मुद्दे पर बात नहीं बन पायी। संघ ने बैठक का बहिष्कार भी कर दिया। मजदूर संगठन का आमरण अनशन जारी था। शक्रवार को डॉक्टरी परीक्षण के दौरान उनकी तबीयत खराब पायी गई। जानकारी मिलने पर बीती रात एडीएम लीना कोसम, एसडीएम मेनका प्रधान, एसडीओपी जितेन्द्र चंद्राकर उन्हें समझाने मौके पर पहुंचे और आंदोलनकारियों की तबीयत खराब होने व उन्हें अस्पताल पहुंचाने की समझाइश परिजनों को दी, मगर इससे आक्रोशित मजदूर संघ के कार्यकर्ता व परिजनों ने इसका विरोध किया और जमकर नारेबाजी की। जिला प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों की समझाइश के बाद फिर से वे आक्रोशित हो गए।
यहां अधिकारियों के निर्देश पर बीती रात 67 आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन पहुंचाया गया और आमरण अनशन में बैठे आंदोलनकारियों को उपचार के लिए बिलासपुर भेजा गया। पुलिस ने सभी आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन पहुंचाया गया और आज सुबह उन्हें जिला जेल पहुंचाया गया। इधर आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर उनके परिजन बड़ी संख्या में जिला जेल पहुंचे और उनकी रिहाई की मांग करने लगे। यहां बड़ी संख्या में उपस्थित ग्रामीणों ने जिला प्रशासन व प्लांट प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जेल के सामने धरना पर बैठ गए।
दो मजदूर संगठनों के विवाद के बाद हुआ था लॉक आउट
10 सितम्बर को दो मजदूर संघों में आपसी विवाद के चलते केएसके महानदी पावर कंपनी लिमिटेड नरियरा में तनाव का माहौल निर्मित हो गया था, तनाव बढ़ने पर 18 सितंबर को कंपनी प्रबंधन के द्वारा लॉक-आउट करने का निर्णय लेते हुए प्लांट को बंद कर दिया गया था। प्रशासन के हस्तक्षेप पर आयोजित त्रिपक्षीय वार्ता के दौरान प्लांट को पुन: चालू करने पर सहमति बनी थी, लेकिन एचएमएस मजदूर संघ के पदाधिकारियों पर कंपनी प्रबंधन द्वारा मारपीट का आरोप लगाकर लगभग 20 कर्मचारियों को निलंबित करने का आदेश दिया गया। वहीं यूनाईटेड मजदूर संघ के 13 कर्मचारियों को भी निलंबित कर दिया गया है, जिसके चलते प्लांट के पुन: चालू होने में अनिश्चितता जताई जा रही थी।
‘मजदूर संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा आमरण अनशन किया जा रहा है। यहां रूटिन चेकअप के दौरान आंदोलनकारियों की तबीयत खराब होने लगी थी। डॉक्टर द्वारा उन्हें हास्पिटल ले जाने की सलाह दी गई थी। बीती रात आंदोलनकारियों को समझाइश देने पहुंचे थे, मगर उनके संगठन के कार्यकर्ता व उनके परिजनों द्वारा हंगामा किया जाने लगा। बीती रात 67 व आज 3 लोगों के खिलाफ 151 की कार्रवाई की गई है।’ – जितेन्द्र चंद्राकर, एसडीओपी, जांजगीर