छत्तीसगढ़ में मौसम का मिजाज बदलते ही बिजली में बहार आ गई है। आलम यह है कि पीकऑवर में भी राज्य 50 से 150 मेगावॉट तक सरप्लस (अतिरिक्त बिजली) चल रहा है जबकि सरकारी बिजली उत्पादन कंपनी की 710 मेगावॉट उत्पादन क्षमता की दो यूनिटें बंद हैं। वहीं, बिजली की मांग अब भी 3800 से 3900 मेगावॉट तक जा रही है। अतिरिक्त बिजली ग्रिड के माध्यम से बेची जा रही है।
इस वजह से स्थिति बेहतर
बिजली अफसरों के अनुसार सरकारी संयंत्रों से करीब 19 सौ से दो हजार मेगावॉट तक उत्पादन हो रहा है। पावर एक्सचेंज और केंद्रीय कोटा मिलाकर हजार से 18 सौ मेगावॉट तक बिजली मिल रही है।
दो यूनिटों से फिलहाल उत्पादन नहीं
कोरबा वेस्ट संयंत्र और मड़वा संयंत्र एक-एक यूनिट फिलहाल बंद है। इन यूनिटों की स्थापित क्षमता क्रमश: 210 और 500 मेगावॉट है। अफसरों के अनुसार दोनों यूनिट तकनीकी कारणों से बंद हैं।
आवश्यतानुसार हो रहा हाईडल संयंत्रों का उपयोग
बिजली अफसरों के अनुसार दिन में सरप्लस बिजली की वजह से हाईडल संयंत्रों की कुछ यूनिटों को बंद करना पड़ रहा है। मसलन बुधवार को पूरे दिन बांगों संयंत्र की एक यूनिट बंद रखी गई थी, लेकिन शाम को बिजली की मांग बढ़ते ही उसे चालू कर दिया गया।
उत्पादन की स्थापित क्षमता में 200 मेगावॉट की कमी
छत्तीसगढ़ की सरकारी बिजली उत्पादन कंपनी की बिजली की स्थापित क्षमता में 200 मेगावॉट की कमी आ गई है। कोरबा ईस्ट संयंत्र की पुरानी हो चुकी 50 मेगावॉट की चार यूनिटों को सरकार ने बंद कर दिया है। इस कमी के कारण उत्पाद कंपनी की कुल उत्पादन क्षमता 3424.7 मेगावॉट से घटकर 3224.7 मेगावॉट रह गई है। इसमें 138.7 मेगावॉट हाईडल व बाकी थर्मल पॉवर है।
छत्तीसगढ़ में बिजली की स्थिति
समय- सुबह11 शाम 6 शाम 7
मांग 3221 3845 3800
उपलब्ध 3355 3901 3853
रिक्त 143 57 53
(नोट- आंकड़े मेगावॉट में)