हरदोई। तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर यह आंकड़े झूठे दावा किताबी है। कुछ इसी तर्ज पर वृद्ध रामवती की कहानी है। बस आंख में पानी है और हाथ खाली हैं। सरकार सत्ता शासन-प्रशासन इस गांव में झूठे और बौने नजर आते हैं।
सरकार की तमाम नीतियां यहां से नजर आती हैं, कारण है प्रधान से प्रधानमंत्री का जो सपना मोदी ने देखा है वह यहां पर फेल है, इसीलिए शायद अभी तक रामवती को उसका हक नहीं मिला है.हरदोई जिले में एक बुजुर्ग महिला की पीड़ा भी कुछ ऐसी ही है, किन्तु यहां मित्र पुलिस का सपना साकार कर रहे एक नौजवान सब इंस्पेक्टर ऐसे बेबस परिवारों के लिए किसी मसीहा से कम नही है.तस्वीरों में यह सवायजपुर चौकी इंचार्ज राहुलसिसोदिया हैं जिन्होंने असहाय बेसहारा महिला की मदद को हाथ बढ़ाएं हैं। नवरात्र के दिनों में असली मां की पूजा कर राहुुल सिंंह खुद को धन्य समझ रहे हैं.तस्वीरों में दिख रहा ये जर्जर मकान माधौगंज ब्लाक के समुखा गांव निवासी रामवती का है, उसके हो पुत्रों की असमय मौत हो चुकी है.पति का भी 02 साल पहले देहान्त हो गया था.परिवार के नाम पर केवल दो पौत्र हैं। जिसमें एक मंदबुद्धि है। अब घर की स्थिति यह है कि बुजुर्ग महिला को 2 जून की रोटी मिलना मुश्किल है। इसकी वजह है गरीबी।
कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर किसी ने एक पोस्ट साझा की थी जिसे पढऩे के बाद हरदोई के सवायजपुर चौकी इंचार्ज राहुल सिसोदिया ने उसके घर पहुंच कर उसे आर्थिक मदद की, साथ ही उसे खाने पीने पहनने के लिए कई चीजें दी। इस मदद से अब करीब 6 महीने तक वृध्द महिला को किसी भी तरीके की दिक्कत नहीं होगी.आपको बता दें कि राहुल सिसोदिया इससे पहले भी कई गरीबी से जूझ रहे पीडि़तों की मदद करते आए हैं।
कई गरीब बेटियों को अपनी बहन का दर्जा देकर उनकी पढ़ाई लिखाई का जिम्मा भी राहुल उठा रहे हैं। खाकी वर्दी में धड़कने वाला ये दिल सच में नेक है और शायद यही मित्र पुलिस की असली पहचान भी है.ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि रामवती व उसके जैसे तमाम गरीबों को शासन द्वारा प्रस्तावित सभी सरकारी सुविधाएं दी जाएं जिससे योगी सरकार का रामराज्य का सपना सच में साकार हो सके।