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भिलाई के चन्दूलाल चन्द्राकर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई ठप्प, स्टूडेंट्स ने किया प्रदर्शन

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छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई में संचालित चंदूलाल चन्द्राकर मेमोरियल मेडिकल कालेज कुरूद (सीसीएम) में एमबीबीएस के स्टूडेंट्स को अपने ही प्रबंधन से जूझना पड़ रहा है. भिलाई के चंदूलाल चंद्राकार मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के लगभग 400 स्टूडेंट्स अपने कॉलेज की मान्यता को लेकर सड़क पर उतर आए हैं. वही उनके पालक भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं, जिसके तहत बीते बुधवार को लगभग 400 छात्रों के पालकों ने कॉलेज प्रबंधन से बात करने के लिए मेडिकल कॉलेज में प्रदर्शन किया. वही प्रबंधन की ओर से कोई जवाब नहीं आने पर पालकों ने नाराजगी व्यक्त की.

मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के पालकों ने राज्य सरकार से गुहार लगाई है कि उनके बच्चों को दूसरे कॉलेज में मर्ज कर दिया जाए. इस मामले को लेकर स्टूडेंट ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल , स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से भी मुलाकात की है. स्टूडेंट्स की मानें तो कॉलेज की मान्यता एमसीआई की रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की है. हाई कोर्ट ने सीएम मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए रीलोकेशन का पूरा प्रस्ताव तैयार करने के लिए एक महीने का समय भी दे रखा है, लेकिन प्रबंधन कोई योजना तैयार नहीं कर रहा है. जिसे लेकर स्टूडेंट्स को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है.

प्रबन्धन की ओर से कॉलेज के डायरेक्टर शिव चन्द्राकर ने कहा कि दो साल जीरो ईयर के कारण आर्थिक तंगी से कालेज जूझ रहा है और छात्रों के भविष्य के लिए प्रयास किया जा रहा है. एमबीबीएस की छात्रा मुस्कान और छात्र अक्षर तिवारी कहते हैं कि चंदूलाल चन्द्राकर मेडिकल कॉलेज में 150 स्टूडेंट्स के एमबीबीएस करने की मान्यता दी गई थी, लेकिन 150 स्टूडेंट्स के आधार पर कॉलेज के संसाधन की अगर बात करें तो एमसीआई के नॉर्म्स के अनुसार कालेज में 130 फैकल्टी डॉक्टर, 6 फंडामेंटल लैब्स, लाइब्रेरी जरूरी इक्यूपमेंट्स और 750 बिस्तरों का अस्पताल विशेषज्ञ डॉक्टरो सहित होने चाहिए, लेकिन सीसीएम मेडिकल कालेज में 18 फैकल्टी ही हैं. न कोई फण्डामेंटल लैब है और न ही लाइब्रेरी. अस्पताल आज वीरान है. डॉक्टरों को चार माह का वेतन नही मिलने से सभी ने रिजाइन कर दिया है. इस हाल में अब स्टूडेंट्स एमबीबीएस की पढ़ाई करें तो कैसे.