आपको बता दें, कि रत्नशास्त्र हर व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण माना जाता हैं वही मनुष्य अपने जीवन को संवारने के लिए कई तरह के रत्नों को धारण करता हैं वही पुराने समय से ही व्यक्ति ग्रहों के प्रभाव से बचने, कष्ट निवारण और स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए कई तरह के रत्न धारण करता आया हैं वही ऐसे ही प्रभावशाली रत्नों में नीलम एक चमत्कारी रत्न माना जाता हैं वही नीलम रत्न को धारण करने से मन में, तीव्रता आती हैं, और व्यवहार में भी बदलाव आता हैं, वही आज हम आपको नीलम रत्न से जुड़ी कुछ फायदें के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
ऐसा माना जाता हैं कि नीलम धारण करने से मनुष्य सफलता की नई नई सीढ़ियां चढ़ता चला जाता हैं वही ज्योतिष के मुताबिक यह रत्न बहुत जल्दी ही अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देता हैं मगर कुछ लोगो को नीलम पहनने के बाद नकारात्मक परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं यह भी सत्य हैं कि जिन लोगों को नीलम रास नहीं आता हैं उनके जीवन तक को खतरा बना रहता हैं वही नीलम के बारे में ऐसा भी कहा जाता हैं। कि यह रंक से राजा और राजा से रंक भी बना सकता हैं। वही नीलम धारण करते वक्त बहुत सावधानी रखनी चाहिए। इसका उपरत्न हैं नीली।
इस रत्न को धारण करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान—
बता दें कि मेष वृषभ, तुला और वृश्चिक लग्न वालो को नीलम धारण करना लाभकारी होता हैं यह भाग्योदय करता हैं वही अगर जन्मकुंडली में शनि चौथे, पांचवें, दसवें या ग्यारहवें भाव में हो, तो नीलम अवश्य धारण करना चाहिए। वही अगर शनि षष्ठेश या अष्टमेश के साथ बैठा है तो नीलम धारण करना श्रेष्ठत्तम होता हैं।