Chandrayaan 2 का भले ही चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग से पहले इसरो से संपर्क टूट गया हो, लेकिन पूरा देश आज अपने वैज्ञानिकों पर गर्व कर रहा है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों की तारीख की और कहा कि आपने जो काम किया वह छोटा नहीं था.
लैंडर विक्रम के चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग से पहले सेंसर बोर्ड के चीफ और मशहूर गीतकार प्रसून जोशी ने इसरो के नाम एक कविता लिखी. जिसमें उन्होंने चंद्रयान 2 मिशन में लगे वैज्ञानिकों की तारीफ की. जोशी ने अपनी इस कविता को अपने फेसबुक वॉल पर शेयर किया है.
प्रसून जोशी ने लिखा-
चन्द्रयान की टीम ने देखो
कैसा अद्भुत काम किया
युगों युगों से सूत कातती
अम्मा को आराम दिया
यही चाँद माँगा करता था
मोटा एक झिंगोला
इसी चाँद का मुँह टेढ़ा था
यही था वो अलबेला
अब मय्या से ज़िद ना करेंगे
बाल कृष्ण मुसकाएँगे
चन्द खिलौना हाथ में ले कर
लीला नयी रचाएँगे
और हम भी अब पास से जा कर
देखेंगे बस घूर के
और ना कहेंगे चन्दा को हम
चन्दा मामा दूर के
चंद्रयान 2 इसरो का महत्वाकांक्षी मिशन था, इसकी शुरुआत करीब 11 साल पहले शुरु की गई थी. 22 जुलाई 2019 को इसरो ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसे लॉन्च किया था. उसके बाद से ही चंद्रयान 2 अपना सफर सफलतापूर्वक पूरा करता जा रहा था.
चंद्रयान 2 ने पहले पृथ्वी के चार चक्कर लगाए उसके बाद वह चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश हुआ था. उसके बाद इसने चांद के पांच चंक्कर लगाए और उसके बाद लैंडर विक्रम, ऑर्बिटर से अलग हो गया था. 07 सितंबर की रात एक बजकर 30 मिनट से रात 2 बजकर 30 बजे के बीच इसे चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, लेकिन रात 1.38 बजे इसका इसरो से संपर्क टूट गया और पूरे इसरो मुख्यालय में खामोशी पसर गई.
इसरो के वैज्ञानिकों को उम्मीद थी कि लैंडिर विक्रम सकुशल चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कर लेगा. पहले लगा कि कुछ समय में लैंडिंग विक्रमा का डेटा ऑर्बिटर के जरिए मिलना शुरु हो जाएगा, लेकिन इसरो की ये उम्मीद पूरी ना हो सकी. उसके बाद पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों को ढांढस बढ़ाया और कहा कि आपने जो काम किया वह कोई छोटा नहीं था.