मिशन चंद्रयान-2 का लैंडर ‘विक्रम’ चांद की सतह पर उतरने से पहले इसरो से संपर्क टूट गया. इसरो के मुताबिक, रात 1:37 बजे लैंडर की चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की प्रक्रिया शुरू हो गई थी. लेकिन करीब 2.1 किमी ऊपर संपर्क टूट गया. हालांकि मिशन के असफल होने पर अभी इसरो की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है.
7 सितंबर तड़के चंद्रयान-2 को चांद की सतह पर उतरना था. इस प्रक्रिया को देखने के लिए प्रधानमंत्री मोदी खुद बेंगलुरु स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुख्यालय में मौजूद थे. वह उपग्रह नियंत्रण केंद्र (एससीसी), इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) से इस अद्भुत पल को देखने पहुंचे थे.
राहुल गांधी ने भी कहा- हर भारतीय के लिए एक प्रेरणा है
राहुल गांधी ने कहा, “इसरो की टीम को चंद्रयान-2 मून मिशन पर शानदार काम के लिए बधाई. आपका जुनून और हर भारतीय के लिए एक प्रेरणा है.” विक्रम को चंद्रमा की सतह के करीब तक पहुंचाने में इसरो की टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए राहुल ने कहा, “आपका का काम बेकार नहीं जाएगा. इसने कई बेजोड़ और महत्वाकांक्षी भारतीय अंतरिक्ष मिशनों की बुनियाद रखी है.”