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अमित जोगी का विवादों से पुराना नाता, 2003 में दर्ज हुआ था हत्या का केस

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जूनियर जोगी यानी पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पुत्र अमित कई बार गंभीर आरोपों के घेरे में आते रहे हैं। छत्तीसगढ़ के पहले राजनीतिक हत्याकांड (जग्गी) में भी अमित पर हत्या समेत अन्य धारों में मुकदमा दर्ज हुआ था। मामले की सीबीआइ ने जांच की थी। 2014 के चर्चित अंतागढ़ टेपकांड में भी अमित आरोपित हैं। अमित पर अब तक करीब एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इसमें प्रदेश के विभिन्न् थानों में राजनीकि कारणों से दर्ज एफआइआर भी शामिल है।

छत्तीसगढ़ में 2003 में हुई रामअवतार जग्गी को प्रदेश इतिहास का पहला राजनीतिक हत्याकांड माना जाता है। जग्गी एनसीपी के प्रदेश कोषाध्यक्ष थे। अमित इस मामले में आरोपित थे। इसकी जांच पहले राज्य पुलिस ने की फिर सीबीआइ को सौंपा गया था। इस मामले में कोर्ट ने 2007 में अमित को दोष मुक्त करार दे दिया।

फिलहाल अमित पर एक और चर्चित राजनीतिक मामले अंतागढ़ टेपकांड में केस चल रहा है। 2014 के इस घटनाक्रम की राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद नए सिरे से जांच की जा रही है। सरकार ने एसआइटी गठित की है जो जोगी पिता-पुत्र के साथ अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे मंगतू राम पवार और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दमाद पुनित गुप्ता का वाइस सैंपल लेने रायपुर के कोर्ट में आवेदन लगाया है। इस प्रकरण की सुनवाई चल रही है।

आरोपों के घेरे में बड़े जोगी भी

अमित ही नहीं उनके पिता अजीत जोगी भी कई मुकदमों में घिर चुके हैं। जोगी चर्चित विधायक खरीद- फरोख्त कांड में आरोपित बनाए गए थे। 2003 के चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला था। इसके बाद जोगी पर पैसे का लालच देकर भाजपा के विधायकों को तोड़ने का आरोप लगा। मामले में सीबीआइ जांच हुई और सीबीआइ ने क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दिया। फिलहाल जोगी अंतागढ़ मामले में आरोपित हैं।

अमित पर दर्ज मुकदमें

अमित ने 2013 में मरवाही सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था। इस दौरान जमा किए गए शपथपत्र में उन्होंने अपने खिलाफ एक दर्जन मामलों की जानकारी दी थी। इसमें जग्गी हत्याकांड भी शामिल था। इसके अलावा 2012 में बलौदाबाजार सिटी कोतवाली में शराबबंदी को लेकर धरना-प्रदर्शन के मामले में जुर्म दर्ज हुआ था।

2012 में ही कोरबा सिटी कोतवाली अमित के खिलाफ दो केस दर्ज हुए। इसमें एक शांति भंग करने की आशंका और दूसरा पुलिस कर्मियों के साथ उलझने के कारण। दुर्ग में भी नगर निगम के घेराव के कारण 2012 में अमित के खिलाफ केस दर्ज हुआ था।

सुकमा में कांग्रेस पार्टी के एक प्रदर्शन के दौरान भी कांग्रेस नेताओं पर केस दर्ज हुआ, उसमें अमित भी शामिल थे। 2011 में जांजगीर-जांपा के बाराद्वार और बलौदा में केस दर्ज हुआ। रायगढ़ के छाल थाना में भी एक केस दर्ज हुआ था।

बिलासपुर के कोनी थाना में भी शांति भंग की आशंका पर अमित के खिलाफ केस दर्ज हुआ। 2011 में शराब दुकान का विरोध और सड़क निर्माण की मांग के कारण दो मुकदमे दर्ज हुए थे। 2018-19 के दौरान भी उन पर शराब दुकान का विरोध सहित अन्य कारणों से कुछ और मुकदमे दर्ज हुए हैं।