भाजपा नेत्री समीरा पैकरा के सोमवार को एसपी आफिस में धरना-प्रदर्शन के बाद से ही अमित जोगी की गिरफ्तारी की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी। हालांकि एसपी ने इसे गोपनीय रखा था। यही वजह है कि थानेदारों को भी इसकी भनक नहीं थी।
एसपी ने रात में पुलिस अफसरों को कॉल किया और सभी की लॉ एंड आर्डर ड्यूटी लगा दी थी। यही वजह है कि सुबह से ही सभी थानेदारों को पुलिस लाइन में तलब किया गया था। गिरफ्तारी का विरोध करने पर जोगी समर्थकों के खिलाफ भी शिकंजा कसने का फरमान जारी किया गया।
सोमवार रात एसपी प्रशांत अग्रवाल ने थानेदारों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में अमित की गिरफ्तारी को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई, लेकिन थानेदारों को तैयार रहने के लिए इशारा मिल गया था। इससे थानेदार भी परेशान थे कि आखिर क्या होने वाला है, जिसके लिए उन्हें अलर्ट किया गया है।
इस बीच देर रात एसपी अग्रवाल ने एडिशनल एसपी सिटी ओपी शर्मा व एडिशनल एसपी ग्रामीण संजय कुमार धु्रव को तलब किया। इस दौरान गोपनीय बैठक हुई। इसमें अमित को सुबह गिरफ्तार करने की रणनीति तैयार करने कहा गया। इस पूरे मामले से थानेदार समेत पूरा अमला अनभिज्ञ रहा। सुबह जब सभी मरवाही सदन पहुंचे और बंगले को घेरा गया तब उन्हें पता चला।
शहर में समर्थकों को पकड़ने घूमती रही पुलिस
समीर अहमद को गिरफ्तार करने के साथ ही पुलिस जोगी समर्थकों की तलाश करती रही। दअरसल पुलिस को आशंका थी कि जोगी समर्थक विरोध-प्रदर्शन कर उत्पात मचा सकते हैं। लिहाजा थानेदारों के साथ ही पुलिसकर्मियों को उनकी धरपकड़ करने का फरमान जारी किया गया था। इसके चलते समर्थक बाहर नहीं निकल पाए।
लाइन से भेजा गया अतिरिक्त बल
सुबह करीब नौ बजे गौरेला के एडिशनल एसपी प्रतिभा तिवारी, टीआइ डीके कुर्रे अमित को हिरासत में लेकर गौरेला के लिए रवाना हुए। इससे पहले ही पुलिस लाइन से अतिरिक्त बल गौरेला के लिए रवाना कर दिया गया था। मरवाही सदन में मौजूद पुलिस अफसर व थानेदार भी उनके पीछे-पीछे गौरेला के लिए रवाना हो गए। पुलिस अफसर व उनकी टीम अमित जोगी के पहुंचने के पहले ही गौरेला थाना पहुंच गए और थाने को छावनी में तब्दील कर दिया।