चंद्रयान-2 चांद के और करीब पहुंच गया है। आज चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से लैंडर ‘विक्रम’ को अलग करने की प्रक्रिया करेगा जो आज दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से एक बजकर 45 मिनट के बीच किया जाएगा। इसरो ने बताया कि रविवार शाम छह बजकर 21 मिनट पर चंद्रयान-2 ने पांचवीं परिक्रमा पूरी कर ली। इस दौरान उसने यान में लगाए गए प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग किया। इस प्रक्रिया में कुल 52 सेकंड लगे। इस समय चंद्रयान-2 चंद्रमा के 119 गुणा 127 के परिक्रमा पथ पर आ चुका है। अब अगला चरण लैंडर विक्रम का यान से अलग होना है, जो आज होगा।
7 सितंबर को सबसे बड़ी चुनौती –
लैंडर ‘विक्रम’ सात सितंबर को तड़के डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच चंद्रमा की सतह पर पहुंचेगा। जो 35 किमी की ऊंचाई से चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना शुरू करेगा। यह इसरो वैज्ञानिकों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण काम होगा। विक्रम लैंडर दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद दो क्रेटर मैंजिनस-सी और सिंपेलियस-एन के बीच मौजूद मैदान में उतरेगा। लैंडर 2 मीटर प्रति सेकंड की गति से चांद की सतह पर उतरेगा। ये 15 मिनट बेहद तनावपूर्ण होंगे। बता दें कि देश की बड़ी सफलता को साबित करते हुए भारत के दूसरे चंद्रमा मिशन चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की कक्षा में 20 अगस्त को प्रवेश किया था।