हार्ट अटैक या दिल के दौरे के रूप में जाना जाता है, जिसके तहत दिल के कुछ भागों में रक्त संचार में बाधा होती है, जिससे दिल की कोशिकाएं मर जाती हैं। यह आमतौर पर कमजोर धमनीकलाकाठिन्य पट्टिका के विदारण के बाद परिहृद्-धमनी के रोध (रूकावट) के कारण होता है, जो कि लिपिड (फैटी एसिड) का एक अस्थिर संग्रह और धमनी पट्टी में श्वेत रक्त कोशिका (विशेष रूप से बृहतभक्षककोशिका) होता है।
तो आईये जानते हैं-
1. ब्लड प्रेशर है बड़ा कारण – दोस्तों, नहाने के वक्त भी रक्तचाप प्रभावित हो सकता है इसके पीछे कई वजह हो सकती है जैसे अचानक गर्म पानी या ठंडा पानी के निचे जाना, बॉडी को साफ़ करने में ज्यादा प्रेशर लगाना, दोनों पैरों के सहारे ज्यादा देर तक बैठे रहना, जल्दी बाजी में नहाना, बाथटब में ज्यादा बैठे रहना इन चीजों से हार्ट रेट पर असर पड़ता है जो ब्लड फ्लो को प्रभावित करते हुए धमनियों पर प्रेशर बढ़ा देता है जिससे हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट की परेशानी बनती है. दोस्तों, हार्ट अटैक आने का कारण ब्लड प्रेशर भी हो सकता है.
2. टॉयलेट का प्रेशर भी है खतरनाक – दोस्तों, टॉयलेट सिट पर बैठने या इंडियन स्टाइल के टॉयलेट का इस्तेमाल करने के दौरान ज्यादा प्रेशर लगाना या फिर ज्यादा देर तक बैठे रहना रक्त परिसंचरण को प्रभावित करना है इससे दिल की धमनियों पर प्रभाव पड़ता है जो हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट का कारण बनता है. दोस्तों, टॉयलेट सिट पर ज्यादा देर तक बैठना खतरनाक साबित हो सकता है.
3. सिर पर पड़ने वाले ठंढ पानी – दोस्तों, सिर पर पड़ने वाला ठण्ड पानी हार्ट अटैक का कारण बन सकता है.डॉक्टर सलाह देते हैं की पहले तलवों को पानी में डाले और फिर धीरे-धीरे सिर को गिला करें जब सीधे सर पर ठंढा पानी पड़ता है तो इससे रक्तचाप पर भी सीधा असर पड़ता है और इसका बुरा असर हार्ट पर पड़ता है जो किसी भी व्यक्ति के लिए जानलेवा हो सकता है इसी कारण बाथरूम में ही अधिकतर हार्ट अटै क के मामले होते हैं.दोस्तों, हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए की नहाने समय सबसे पहले अपने पैर के तलवे पर पानी डालना चाहिए.