बांदा के मटौंध थाने के दारोगा रोशन गुप्ता ने इंसानियत की मिसाल पेश की है। उन्होंने दो घण्टे से सड़क पर 108 एम्बुलेंस के इंतेजार में तड़प रही गर्भवती महिला को अपनी कार से अस्पताल पहुंचाया, जहां बीती रात महिला ने बच्चे को जन्म दिया।
बताया जाता है कि दारोगा रोशन गुप्ता शुक्रवार देर शाम मऊ से लौट रहे थे। गुरेह के पास एक परिवार सड़क किनारे खड़ा था। परिवार के मुखिया श्याम सुंदर वर्मा ने दरोगा की गाड़ी को हाथ देकर रुकवाया और उनको बताया कि हम लोग भज्जू का पुरवा गुरेह के निवासी हैं। हमारी बेटी चमेली को प्रसव पीड़ा हो रही है। हम लोग 108 एम्बुलेंस को फोन करने के बाद उसके इंतजार में दो घण्टे से खड़े हैं।एम्बुलेंस वालों ने कहा था कि मरीज को गांव के अंदर से मेन रोड तक ले आओ तो हम लोग मरीज को लेकर आ गए लेकिन एम्बुलेंस वाले पिछले दो घण्टे से आने का आश्वासन ही दे रहे हैं, आ नहीं रहे हैं। बेटी की पीड़ा बढ़ती जा रही है।
इस पर दारोगा रोशन गुप्ता ने उक्त परिवार को अपनी कार से बांदा महिला अस्पताल लेकर जा रहे थे कि रास्ते में ही चमेली ने बच्चे को जन्म दे दिया। फिर जच्चा-बच्चा को सुरक्षित जिला महिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
चमेली के परिजनों ने बताया कि गांव की आशा सुशीला दो वर्षों से किसी भी गर्भवती महिला का काम नहीं कर रही है। ताजुब है कि जो आशा दो वर्षों से काम ही नहीं कर रही है तो विभाग ने अब तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?