पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम के साथ आज जो CBI कार्रवाई हो रही है, ठीक उसी तरह की परिस्थितियों से गृह मंत्री अमित शाह का भी सामना हो चुका है. आज जैसे CBI चिदंबरम के पीछे पड़ी है, वैसे ही साल 2010 में CBI अमित शाह के पीछे पड़ी थी. सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में CBI ने 25 जुलाई 2010 को शाह को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद उन्हें लगभग दो साल तक गुजरात में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इस प्रतिबंध के हटने के बाद जब शाह गुजरात लौटे थे, तब उन्होंने यह शेर कहा था, “मेरा पानी उतरते देख, किनारे पर घर मत बना लो, मैं समुद्र हूँ, लौट कर जरुर आऊंगा.”
वह चिंदबरम का समय था और आज अनित शाह का.
लेकिन अमित शाह भी किसी कच्चे गुरु के शिष्य नहीं थे. उन्होंने विषम परिस्थितियों का डट कर सामना किया और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अपना रास्ता बनाया. उन्होंने अपनी रणनीति से देश के कई राज्यों में भाजपा की सत्ता में स्थापित करने में प्रमुख भूमिका निभाई है. अब सरकार के दूसरे कार्यकाल में, वें देश के दूसरे सबसे शक्तिशाली नेता बन गए हैं. साल 2012 में अमित शाह को हर तरफ से बदनामी झेलनी पड़ी थी. लेकिन उस दौरान बोले गए अपने शब्दों को उन्हें सही साबित कर के दिखा दिया है.