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बंद हो सकते हैं इस पत्रकारिता विश्विद्यालय के 259 स्टडी सेंटर, EOW जांच में पाए गए फर्जी

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मध्य प्रदेश सरकार का आर्थिक अपराध विभाग ईओडब्ल्यू (Economic offence wing) माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication) में हुए घोटाले (Scam) की जांच कर रही है. इस घोटाले के मुख्य आरोपी पूर्व कुलपति (Ex Vice Chancellor) बीके कुठियाला हैं. ईओडब्ल्यू (Eow) की जांच में खुलासा हुआ है कि बीजेपी (Bjp) शासन के दौरान 12 सौ से अधिक स्टडी और आईटी-कम्प्यूटर सेंटर खोले गए थे. इसमे करोड़ों रुपयों की आर्थिक अनियमितता की बात सामने आई है. ईओडब्ल्यू के निर्देश के बाद यूनिवर्सिटी स्तर पर जांच के लिए कमेटी गठित की गई है.

स्टडी सेंटर्स का बीजेपी कनेक्शन
बीजेपी सरकार ने बीके कुठियाला को कुलपति बनाया था. कुठियाला के कार्यकाल में 1297 सेंटर खोले गए थे. इनमें 191 मीडिया सेंटर और 1106 आईटी-कम्प्यूटर सेंटर शामिल हैं. ईओडब्ल्यू की जांच में 1297 स्टडी सेंटर्स में 259 सेंटर फर्जी पाए गए हैं. साथ ही सूत्रों ने बताया है कि कई सेंटर्स का कनेक्शन बीजेपी नेताओं और उनके करीबियों से जुड़ा है. उनकी सिफारिश से नियमों और मापदंडों को ताक पर रखकर स्टडी सेंटर्स खोलने की परमीशन दी गई. फर्जी सेंटरों में न ही तय मापदंडों के तहत इन्फ्रास्ट्रक्चर है और न ही दूसरी सुविधाएं. ये सेंटर्स सिर्फ कागजों पर चल रहे हैं.

कुठियाला की सहमति से मध्यप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली में 29 अध्ययन और करीब 181 आईटी-कम्प्यूटर सेंटर खोले गए थे. 30 जून को यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने ग्वालियर, दतिया और अमरकंटक कैंपस को बंद कर दिया था. यहां के छात्रों को दूसरे सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया है. अब प्रदेश और दूसरे राज्यों में संचालित हो रहे 259 सेंटर्स पर बंद होने का संकट मंडरा रहा है.

ईओडब्ल्यू की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. यूनिवर्सिटी जांच के दौरान आ रहे तथ्यों के आधार पर स्टडी सेंटर्स को बंद करने का काम कर रही है. साथ ही उन लोगों की सूची भी तैयार की जा रही है, जिन सेंटर्स का बीजेपी और उनसे जुड़े करीबियों का कनेक्शन है.

ईओडब्ल्यू के डीजी केएन तिवारी ने बताया कि बीजेपी नेताओं और उनसे जुड़े करीबियों के स्टडी सेंटर्स से कनेक्शन की छानबीन की जा रही है. अभी फाइनल निर्णय नहीं लिया गया है. स्टडी सेंटर्स को बिना मापदंड और नियमों के तहत परमीशन दी गई. अब इन्हें बंद करने का निर्णय यूनिवर्सिटी ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर ले रही है. ईओडब्ल्यू स्टडी सेंटरों से जुड़ी जांच को अपनी चार्जशीट में शामिल करेगा.