भारत में इसे हिन्दुओं द्वारा देवताओं को भोग लगाने व प्रसाद के रूप में बाँटने में भी प्रयोग किया जाता है। भगवान कृष्ण को मक्खन व मिश्री प्रिय मानी जाती हैं। ब्रजभूमि में लिखे गये कई भक्तिगीतों में “माखन और मिश्री” शब्द एक साथ आते हैं। मिश्री को सात्त्विक खाद्य की श्रेणी में रखा जाता है। उत्तर भारत में होने वाले भगवती-जागरणों में प्रायः आधी रात की वेला में, उपस्थित लोगों को मिश्री प्रसाद के रूप में बाँटी जाती है, तब इसके सेवन से सात्त्विकता का पुनः संचार हो जाता है, तथा नींद नहीं आती है।
1.गले की खराश में फायदेमंद
दोस्तों कई बार ठंडा पी लेने से या किसी कारण हमारा गला खराब हो जाता है। ऐसे में अगर आप मिश्री को पानी में मिलाकर पिएं आराम मिलेगा। साथ ही गले में अगर खराश हो तो थोड़ी सी मिश्री खाएं, जल्द ही आपको खराश में फायदा मिलेगा।
2.मुंह के छालों में फायदेमंद
दोस्तो गर्मियों के दिनों मे अक्सर लोग छालों से परेशान रहते है। ऐसे में अगर आप मुंह के छाले होने पर मिश्री को इलायची के साथ मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को लगाने पर छाले जल्दी ही दूर हो जाएंगे।
3.खांसी में फायदेमंद
दोस्तो अक्सर कई लोग रात के समय खांसी से काफी परेशान रहते है। ऐसे में अगर आप अपने मुंह में मिश्री का छोटा सा टुकड़ा रखोंगे तो आपको जल्द ही खांसी में आराम मिलेगा।
4.पाचनतंत्र के लिए फायदेमंद
मिश्री का पानी अगर आप पीओंगे तो वो आपके पाचनतंत्र के लिए काफी फायदेमंद होगा। साथ ही मिश्री का पानी पीने से पेट की गर्मी शांत होती है।