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पाकिस्तान में हड़कंप : जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद- 370 खत्म, लोगों ने कहा-हमारे नेता आपस में लड़ते रहते हैं…

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सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में एक विधेयक पेश किया, जिसमें जम्मू-कश्मीर राज्य का विभाजन दो केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक संकल्प पेश किया जिसमें कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के सभी खंड जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होंगे।

मोदी सरकार के इस ऐलान के बाद पाकिस्तान में हलचल मच गई। सोशल मीडिया पर कुछ पाकिस्तानी इमरान सरकार से गुहार लगा रहे हैं तो कुछ अब भी ‘कश्मीर हमारा है’ के नारे लगा रहे हैं। पाकिस्तान के सभी अखबारों में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने की खबर को प्रमुखता से जगह दी गई है।

पाकिस्तानी अखबार डॉन ने लिखा, “विपक्ष के जोरदार विरोध के बीच भारत ने कश्मीर के विशेष दर्जा खत्म करने के लिए पेश किया संकल्प।” पाकिस्तानी अखबार ‘द न्यूज’ ने एक आर्टिकल में लिखा, अब पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में जाने पर विचार कर सकता है। अखबार लिखता है, पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे में सक्रिय पक्ष रहा है और हम इस पर खामोशी नहीं बरत सकते हैं।

पाकिस्तान की जनता सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाल रही है। आमरा मेहदी नाम की एक यूजर ने लिखा, “जिन्ना साहब माफी, पाकिस्तान के हमारे कथित प्रतिनिधि एक-दूसरे से लड़ाई करने और अपनी संपत्ति बढ़ाने में ही व्यस्त रह गए. आपका कश्मीर चला गया।”

एक पाकिस्तानी यूजर ने लिखा, मुस्लिम दुनिया को पंथ से ऊपर उठते हुए एक होना चाहिए और भारत पर कश्मीर में नरसंहार करने से रोकने के लिए दबाव बनाना चाहिए। वहीं एक यूजर नवीद ने लिखा, अब कश्मीर में हर एक शख्स अत्याचारी भारत के खिलाफ उठ खड़ा हो जाएगा, यह कश्मीर की आजादी की शुरुआत भर है।

एक यूजर ने अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं पर भड़ास निकालते हुए लिखा, मुस्लिम देशों के मंच ओआईसी और संयुक्त राष्ट्र जिस उद्देश्य से अस्तित्व में आए, वे कभी पूरे नहीं हुए। संयुक्त राष्ट्र अपना वादा नहीं निभा पाया और कश्मीर मुद्दा का ना सुलझना यूएन की नाकामी है. अब मुझे यूएन से कोई उम्मीद नहीं है।

शाह ने राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया। गृह मंत्री अमित शाह ने लद्दाख के लिये केंद्र शासित प्रदेश के गठन की घोषणा की जहां चंडीगढ़ की तरह से विधानसभा नहीं होगी। शाह ने राज्यसभा में घोषणा की कि कश्मीर और जम्मू डिवीजन विधान के साथ एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां दिल्ली और पुडुचेरी की तरह विधानसभा होगी।

गृह मंत्री ने कहा, ” राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे। ” राज्यसभा में इस दौरान कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने विधेयक का विरोध करते हुए हंगामा किया और आसन के समक्ष धरने पर बैठ गये। इससे पहले सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक घंटे लंबी बैठक चली। समझा जाता है कि इस बैठक में शीर्ष नेतृत्व ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।