स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार के तमाम सरकारी दावों के बीच सरकार के ही अस्पताल में इसकी हर रोज पोल खुल रही है. शनिवार को बिहार के गोपालगंज सदर अस्पताल में एक ऐसा ही वाकया सामने आया जो सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है. आरोप है कि यहां पर एक प्रसूता का इसलिए शुरू नहीं किया गया क्योंकि उन्हें कुछ अलग से रकम चाहिए थी. इसी मोल-जोल में बच्चे को जन्म देने के बजाय प्रसूता की ही जान चली गई.
नर्स पर बिना पैसे के इलाज करने से इनकार करने का आरोप
बताया जा रहा है कि थावे के बरगछिया की रहने वाली 25 वर्षीय महिला विद्यानती देवी को प्रसव पीड़ा होने के बाद भर्ती कराया गया.परिजनों के मुताबिक नर्सो के द्वारा 2500 रुपये की मांग की जा रही थी. पैसे नहीं देने पर प्रसूता का इलाज नहीं शुरू किया गया. परिजनों के अनुसार ड्यूटी पर तैनात नर्सो ने रुपये मांगते हुए कहा कि मरीज की हालत गंभीर है इसलिए 2500 रुपये देने होंगे. पैसे नहीं देने पर मरीज का इलाज नहीं शुरू किया जाएगा.
इस दौरान प्रसव पीड़ा से महिला कराहती रही, लेकिन ड्यूटी पर तैनात किसी भी नर्स ने उसका इलाज नहीं शुरू किया. दर्द से कराह रही महिला की इलाज के अभाव में मौत हो गई क्योकि परिजनों के पास तब देने के लिए पैसे नहीं थे.
इसके बाद परिजनों ने सदर अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया. प्रदर्शन कर रहे परिजन लापरवाह और दोषी नर्सो के खिलाफ कारवाई करने और मृतक के आश्रितों को मुआवजा देने की मांग कर रहे थे. इस दौरान लोगो के हंगामा को शांत कराने आये नगर थाना पुलिस को भी लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा.
फर्द बयान पर दर्ज किया गया मामला
इस बीच नगर थाना के एएसआई गोविंद यादव ने कहा कि फर्द बयान दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गयी है. वहीं, लोगों के हंगामा को शांत कराने पहुंचे सदर कार्यपालक पदाधिकारी डीएन सिंह के मुताबिक मामले की सूचना वरीय पदाधिकारियों को दे दी गई है. जांचोपरांत आरोप सही पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कारवाई की जाएगी.