कैंसर ऐसी बीमारी है, जिसका नाम सुनते ही रूह कांप जाती हैं. ये जितनी भयावह बीमारी है, उतनी ही तेजी से फैल भी रही है. भारत में कैंसर मरीजों की संख्या पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ी है. पिछले वर्षों में पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में कैंसर मरीजों की संख्या में तेजी देखी गई थी. हालात काफी चिंताजनक थे. लेकिन अब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की एक रिपोर्ट में नई तरह की जानकारी सामने आई है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में कैंसर मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ी है. सरकार ने पिछले हफ्ते ही संसद में इस रिपोर्ट को रखा है. इसके मुताबिक 2016 से लेकर 2018 तक उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में कैंसर के सबसे ज्यादा मरीज पाए गए. इस रिपोर्ट के बाद भारत में कैंसर के लखबढ़ते मामलों के नए पैटर्न का पता चला है.
यूपी और महाराष्ट्र में कैंसर के सबसे ज्यादा मरीज
आईसीएमआर की रिपोर्ट में 2016, 2017 और 2018 के कैंसर मरीजों के आंकड़े बताए गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में 2016 में कैंसर के 2 लाख 45 हजार 231 मामले सामने आए. 2017 में ये बढ़कर 2 लाख 57 हजार 353 हो गए. 2018 में यूपी में कैंसर के मामले बढ़कर 2 लाख 70 हजार 53 हो गए. कैंसर के नए मरीजों में महाराष्ट्र का स्थान दूसरा है. महाराष्ट्र में 2016 में कैंसर के 1 लाख 32 हजार 726 मामले सामने आए. 2017 में ये बढ़कर 1 लाख 38 हजार 271 हो गए. वहीं 2018 में महाराष्ट्र में 1 लाख 44 हजार 32 कैंसर के नए मरीजों के बारे में पता चला.
यूपी और महाराष्ट्र की तुलना में हरियाणा और असम में कैंसर के कम मामले सामने आए. हैरानी की बात है कि बिहार में कैंसर के मरीज कम थे. लेकिन पिछले वर्षों में यहां भी कैंसर के मरीजों में वृद्धि हुई है. बिहार में साल-दर साल सबसे ज्यादा कैंसर के मरीजों में इजाफा हो रहा है. 2016-17 में बिहार में कैंसर के मरीज 5.38 परसेंट की रेट से बढ़े. वहीं 2017-18 में इसमें 5.37 फीसदी की रेट से बढ़ोत्तरी देखी गई.
बिहार जैसे पिछड़े राज्य में कैंसर मरीजों की संख्या में इजाफा चिंताजनक हालात पैदा करते हैं. पिछड़ा राज्य होने की वजह से यहां की स्वास्थ्य सेवाएं पहले से ही खराब हैं. कैंसर के स्पेशलाइज्ड अस्पतालों की कमी है. ऐसे में यहां कैंसर के मरीजों की संख्या का बढ़ना सरकार के सामने मुश्किल हालात पैदा कर सकता है.
राज्यों के लिहाज से कैंसर मरीजों की संख्या बढ़ने का पैटर्न बदला है. 2017 में आईसीएमआर ने ही एक रिपोर्ट जारी की थी. इसके मुताबिक कैंसर के लिहाज से हरियाणा सबसे खराब राज्य साबित होने जा रहा था. हालात इतने बुरे थे कि हरियाणा को लेकर रिपोर्ट में डरावने आंकड़े बताए गए थे. रिपोर्ट में कहा गया था कि 2020 तक देशभर में कैंसर के 17 लाख से भी ज्यादा मरीज होंगे.
2014 के रिकॉर्ड का हवाला देते हुए बताया गया था कि देशभर के कुल कैंसर मरीजों में 39.6 फीसदी मरीज सिर्फ हरियाणा से आते हैं. दूसरे नंबर पर दिल्ली था जहां 27.3 फीसदी कैंसर मरीज थे. यूपी में 12.7 फीसदी कैंसर मरीज थे.
भारत में कैंसर के मरीज पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़े हैं. एक आंकड़े के मुताबिक पिछले 26 साल में कैंसर के मरीज दोगुने हुए हैं. इंडियन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में कैंसर के 14 लाख मरीज थे. महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़े हैं. ब्रेस्ट कैंसर के 60 फीसदी मामलों में इसकी जानकारी एडवांस्ड स्टेज में आने के बाद पता चलती है.
रिपोर्ट के मुताबिक ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ओरल कैंसर और लंग कैंसर के मरीज ही कुल कैंसर मरीज के 41 फीसदी हैं. जबकि 100 तरह के कैंसर होते हैं. भारत में होने वाली मौतों में कैंसर दूसरी बड़ी वजह है.