छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित अंतागढ़ टेपकांड मामले में एसआईटी ने जांच तेज कर दी है. एसआईटी ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और पूर्व विधायक अमित जोगी को नोटिस जारी किया है. अजीत और अमित जोगी के अलावा मामले में कथित अन्य आरोपियों को भी नोटिस जारी किया गया है. नोटिस मिलने के बाद पूर्व विधायक व जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
एसआईटी ने अपने नोटिस में अमित जोगी व अन्य को वाइस सैंपल के लिए 24 जून को उपस्थित होने को कहा है. साथ ही मामले में आरोपियों को बुलाकर बयान लिया जाएगा. मामले में किरणमई नायक की शिकायत पर पंडरी थाने में मंतूराम पवार, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी, डॉ. पुनीत गुप्ता, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इनके खिलाफ आईपीसी 1860 की धारा 406, 420 171-ई, 171-एफ, 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 9 और 13 के तहत भी मामला दर्ज है.
अमित जोगी ने बताया गैर कानूनी
नोटिस मिलने के बाद अमित जोगी ने प्रतिक्रिया दी है. अमित जोगी ने एसआईटी से कहा है कि कानूनन ज़ब्त मूल उपकरणों के साथ संलग्न प्रमाणपत्र मुझे प्रस्तुत करें. इसके बाद ही आपके द्वारा वैधानिक रूप से मुझसे वाईस सैम्पल लेने का नोटिस दिया जा सकता है. ऐसे में आपके द्वारा मुझे भेजा गया नोटिस पूर्णतः द्वेषपूर्ण, अवैधानिक और ग़ैर-क़ानूनी है.
ये है मामला
साल 2014 में कांकेर जिले के अंतागढ़ के तत्कालीन विधायक विक्रम उसेंडी ने लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दिया था. वहां हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने पूर्व विधायक मंतू राम पवार को प्रत्याशी बनाया था. नाम वापसी के अंतिम वक्त पर मंतूराम ने अपना नामांकन वापस ले लिया था. इससे भाजपा को एक तरह का वाकओवर मिल गया था. बाद में फिरोज सिद्दीकी नाम से एक व्यक्ति का फोन कॉल वायरल हुआ था. आरोप लगे थे कि तब कांग्रेस में रहे पूर्व सीएम अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी ने मंतू की नाम वापसी कराई. टेपकांड में कथित रूप से अमित जोगी और तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता के बीच हुई बातचीत बताई गई थी. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मामले में नए सिरे से जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है.