छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत जिले में बड़े पैमाने में नरवा, गरूवा, घुरवा और बारी के संरक्षण और संवर्धन के कार्य किए जा रहे है। गॉवों में मॉडल गौठान के साथ ही चारागाह के साथ ही लोगों के घरों में बाड़ी और केचुंआ खाद निर्माण के लिए भू-नाडेप टांका का निर्माण भी तेजी से जारी है। गौठानों में पशुओं के खाने के लिए ग्रामवासी आगे आकर चारा दान भी कर रहे है।
कलेक्टर डॉ. बसवराजु एस. और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गौरव कुमार सिंह ने आज यहां जिले के अभनपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत पलौद और टेकारी में बनाए जा रहे गौठानों में पहुंचकर वहां पशुओं के लिए चारे-पानी, छाया आदि व्यवस्थाओं का जायजा लिया। समूह की महिलाओं और ग्रामवासियों से चर्चा कर गौठानों के सुव्यवस्थित संचालन, गांव के सभी पशुओं की स्थिति, गोबर खाद से केंचुआ खाद के निर्माण और बारी से उत्पन्न सब्जियों सहित अन्य आय मूलक गतिविधियों से समूह की महिलाओं के आजीविका संवर्धन पर चर्चा की। कलेक्टर ने ग्रामीणों को अपने घरों में बारी और नाडेप ढांका के निर्माण के लिए भी प्रेरित किया ताकि उन्हंे घर पर ही सस्ती और जैविक सब्जियां उपलब्ध हो सके। कलेक्टर ने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट से जहां हेल्दी खाद्यान्न लोगों को उपलब्ध होगा वहीं इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ने के साथ ही पर्यावरण को सुधारने में भी मदद मिलेगी। कलेक्टर ने गौठानों के नजदीक स्थित नालों में परकुलेशन टैंक, तालाब आदि भी बनाने को कहा ताकि पशुओं और बारी के लिए भरपूर पानी उपलब्ध हो सके।
कलेक्टर डॉ. बसवराजु ने सभी गौठानों में पशुओं की संख्या के अनुरूप पानी, चारे तथा भू-नाडेप ढांका का निर्माण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने गौठानों में आने वाले सभी पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण और आवश्यक टीकाकरण के लिए पशुधन विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। कलेेक्टर ने कहा कि गौठानों में आमजनों के सहयोग से पैरा की व्यवस्था की जा रही है जो सराहनीय है। गांव में यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी पैरा जलायें नहीं बल्कि गौठान के लिए प्रदान करें।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गौरव कुमार सिंह ने बताया कि प्रथम चरण में जिले के 97 ग्राम पंचायतों में गौठानों का निर्माण तेजी से चल रहा है। इसमें 21 ग्राम पंचायतों में मॉडल गौठानों का निर्माण पूर्णता की ओर है। ग्राम पंचायत पलौद में 5 एकड़ में मॉडल गौठान और 5 एकड़ में चारागाह बनाया गया है। इसी तरह ग्राम पंचायत टेकारी में 6.5 एकड़ में गौठान और 5 एकड़ में चारागाह बनाया गया है। सभी गौठानों में पशुओं के पीने पानी के लिए ट्यूबवेल और सोलरपंप लगाए जा रहे है। उनके बैठने के स्थान में पारंपरिक तरीके से घास-फूसयुक्त शेड का निर्माण किया जा रहा है। पशुओं की उपस्थिति के लिए चरवाहांे की व्यवस्था की जा रही है। पशुओं के चारे के लिए ग्रामीण बड़े उत्साह से पैरा दान कर रहे है। गोबर खाद के लिए वर्मी बेड की व्यवस्था यहां की गई है इसके साथ ही भू-नाडेप टांके भी बनाए जा रहे है। ये गौठान पशुओं के डे-केयर सेंटर के रूप में कार्य करेंगे। गौठानों के नजदीक चारागाह भी बनाए जा रहे ताकि गौठानों में पशुओं को सालभर चारा मिल सके। इसके अलावा फलदार और छायादार पौधों के रोपण के साथ ही बाड़ी भी बनायी जा रही है ताकि इससे जुड़ी समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से सुदृढ़ बन सके।