मध्य प्रदेश के नीमच में एक 16 साल के बच्चे फुरकान कुरैशी की मौत पब्जी गेम (PUBG) खेलने से हो गई. बच्चे के पिता हारून राशिद कुरैशी के मुताबिक, उनका बेटा फुरकान लगातार 6 घण्टे से मोबाइल पर पब्जी गेम खेल रहा था. मरने से पहले वो चिल्लाने लगा कि ब्लास्ट कर, ब्लास्ट कर और उसकी मौत हो गई. अस्पताल भी ले गए थे लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि इसके दिमाग पर जोर पड़ने से मौत हो गई है.
फुरकान कुरैशी 16 साल का था और नसीराबाद के केंद्रीय विद्यालय में 12वीं का छात्र था. वो अपने परिवार के साथ नीमच एक सगाई के कार्यक्रम में आया था. फुरकान का परिवार भी पहले नीमच में रहता था. फुरकान बहुत एक्टिव बच्चा था. उसकी मौत से घर में खुशियों का मौहाल मातम में बदल गया.
फुरकान 25 मई को रात 2 बजे तक पब्जी खेलता रहा, फिर 26 की सुबह वह उठा, खाना खाया और लगातार 6 बजे तक पब्जी खेलता रहा. और गेम में जब उसका कैरेक्टर मरा तो उसकी भी मौत हो गई.
फुरकान की मौत उसकी छोटी बहन फिज़ा के सामने ही हुई. फिज़ा ने रोते हुए बताया कि पब्जी खेलने से उसके भाई की मौत हुई है. वो मरने से पहले जोर जोर से चिल्ला रहा था कि, अयान तूने मुझे मरवा दिया. मैं हार गया, अब तेरे साथ नहीं खेलूंगा.
वहीं इस मामले में नीमच के हृदय रोग चिकित्सक डॉ अशोक जैन का कहना है कि गेम खेलते खेलते बच्चे अपने आपको उस से कनेक्ट कर लेते है और अत्यधिक एक्साइटमेंट में अक्सर कार्डियक अरेस्ट का शिकार हो जाते हैं. डॉ जैन ने अपील कि है कि बच्चों को ऐसे गेम से दूर रखना चाहिए.
मृतक फुरकान के भाई मो. हाशिम ने बताया कि पब्जी गेम का एक नशा सा रहता है, जिसे लोग 18 घण्टे तक खेलते हैं, इसे खेलते वक्त कुछ भी ध्यान नहीं रहता. हर खेलने वाले की एक ही जिद होती हैं कि उसे हर हाल में गेम जितना ही है. मैं भी पब्जी खेलता था लेकिन मेरे भाई की मौत के बाद मैंने डिलीट कर दिया.