गर्मी के सीजन आते ही आम खाने का बेसब्री से इंतजार रहता है लेकिन इसके ठीक उल्टे उन लोगों के लिए ये दिन किसी सजा से कम नहीं जिन्हें डायबिटीज है। आम की मिठास और खुशबू को सूंघ कर ही इन्हें काम चलाना पड़ता है। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो अपनी सोच में बदलाव लाएं। आम डायबिटीज पेशंट्स भी खा सकते हैं लेकिन इसे खाने से पहले कुछ तरीकों को जान लेना बहुत जरूरी होगा। आम खाने के तरीकों को जान कर अपनी आम खाने की तमन्ना को पूरा कर सकते हैं। हालांकि ये बात सही है कि आम लोगों की तरह उनको आम खाने की छूट उतनी नहीं होगी लेकिन यह भी सही है कि अगर वह नियम का पालन करते हुए इसे खाएं तो इनको आम के लिए तरसना नहीं पड़ेगा। तो आइए जानें कि डायबिटीज पेशंट्स कैसे आम खा सकते हैं और उन्हें किन तरीको या नियमों का पालन करना होगा।
इस तरीके से खाएं आम तो नहीं होगा नुकसान :
– रेशेदार आम को ही खाएं क्योंकि आम में रेशा होगा तो इसका शुगर तुरंत ब्लड में नहीं घुलेगा।
– मैंगो शेक या आमरस बिल्कुल न खाएं क्योंकि ये खाते ही शुगर में कर्वट हो जाएगा। वैसे भी अब आम मैंगो शेक लेंगे उसमें एक्ट्रा चीनी डाली जाएगी। इसलिए नेचुरल आम खाएं।
– आम खाने से पहले अपने शुगर लेवल को जरूर चेक कर लें। अगर शुगर का स्तर कम है तो आप एक आम खा सकते हैं लेकिन याद रखें पूरे दिन में एक आम से अधिक न खाएं।
– आम खाने की जब भी इच्छा हो उस आम को खाएं जो पूरी तरह से तो नहीं लेकिन हल्का पका हो। यानी उसमें कड़ापन नजर आता रहे ताकि उसमें शुगर की मात्रा कम हो।
– आम का पन्ना आप पी सकते हैं क्योंकि ये कच्चे आम का बनता है लेकिन यहां भी याद रखें इस पन्ने में चीनी का उपयोग न हो। पन्ने में पुदीना, जीरा, काला नमक आदि डाल कर बनाएं।
– आम को कभी रात में न खाएं। कोशिश करें आम ब्रेकफास्ट के बाद या लंच में लें। इसके बाद आप कुछ देर तक टहलें ताकि शुगर आसानी से ब्लड में डिजॉल्व न हो।
– जब भी आम खाएं उसके बाद आप जामुन के बीज का पाउडर भी लें ताकि वह आम के शुगर को ब्लड में घुलने पर कंट्रोल कर सके।
– आम जब भी खाएं उसके साथ काबोर्हाइड्रेट वाली डाइट न लें। सलाद या अधिक रफेज वाली डाइट लें।
– जब भी आम खाएं आधा ही खांए। पूरा आम खाने का प्रयास न करें।
अगर आप आम खाने से खुद को न रोक पाएं तो कोशिश करें जहां आम खाया जा रहा वहां से हट जाएं या उपरोक्त नियमों को पालन करते हुए कभी-कभी खाएं।