छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से जिन सीटों पर कांग्रेस ज्यादा मजबूत मानी जा रही है, उनमें राजनांदगांव भी शामिल है. लंबे समय से बीजेपी के कब्जे में रहने वाली इस सीट पर 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस के भोलाराम साहू को सेंध लगाने के लिए कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है. भोलाराम साहू का सीधा मुकाबला बीजेपी के प्रत्याशी संतोष पांडेय से माना जा रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के विधानसभा क्षेत्र और राजनांदगांव लोकसभा चुनाव में पेशे के किसान और दो बार के विधायक भोलाराम साहू पर कांग्रेस पार्टी ने दांव लगाया है. पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट न देकर उन्हें सबसे हाई प्रोफाइल लोकसभा क्षेत्र राजनांदगांव का प्रत्याशी बनाया है. उन्हें जातिगत समीकरण और पार्टी में सक्रियता को देखते हुए चुनावी समर में उतारा है.
सरपंच से लेकर लोकसभा प्रत्याशी तक सफर तय करने वाले भोलाराम साहू किसान परिवार से आते हैं. डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र के ग्राम खुज्जी निवासी भोलाराम साहू शिक्षा-छुरिया के शासकीय स्कूल से 1975 में आठवीं पास हैं. पेशे से कृषक हैं. राजनांदगांव के कांग्रेस नेता और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य रहे स्व. इंदरचंद जैन के संपर्क में आकर राजनीति में भोलाराम ने प्रवेश किया.
शुरू में दो बार विधानसभा चुनाव हारने के बाद तीसरी बार फिर मौका मिला और इसके बाद लगातार दो बार विधानसभा चुनाव जीते. वर्ष 1993 और 1998 में खुज्जी विधानसभा चुनाव में पराजय का सामना करना पड़ा. 2008 और 2013 में दो बार कांग्रेस से खुज्जी विधान सभा क्षेत्र से विधायक रहे. वर्ष 2018 में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दी. चार विधानसभा चुनाव का अनुभव व इससे पहले अपने गांव में सरपंच रहे हैं.