ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्लास्टिक कैरी बैग तथा प्लास्टिक वस्तुओं पर प्रतिबंध के संबंध में आम जनता को जानकारी देने के लिए ग्राम पंचायतों के माध्यम से अनेक कार्य किए जाने हैं। कलेक्टर श्री जयप्रकाश मौर्य ने जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारियों राजस्व तथा जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को पत्र भेजकर सभी कार्यों को 25 मई के पहले पूरे कराने के निर्देश दिए हैं।
पत्र में राज्य शासन के आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा प्लास्टिक कैरी बैग एवं अल्प जीवन पीवीसी तथा क्लोरिन युक्त प्लास्टिक, विज्ञापन एवं प्रचार सामग्री तथा खान-पान के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक वस्तुओं पर लगाए गए प्रतिबंध की जानकारी दी गई है। पत्र में यह भी बताया गया है कि छŸाीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम की धारा 54 सार्वजनिक स्वास्थ्य, सुविधाएं और सुरक्षा के बाबत ग्राम पंचायतों की शक्तियां (7) पर्यावरणीय नियंत्रण सुनिश्चित करने का प्रावधान प्रतिस्थापित किया गया है। अधिनियम की धारा-49 ग्राम पंचायत के कृत्य (1) स्वच्छता, सफाई और न्यूसेंस का निवारण और उसका उपशमन का प्रावधान प्रतिस्थापित किया गया है।
पत्र में कहा गया है कि प्राप्त निर्देशानुसार ग्राम पंचायत क्षेत्रों में प्लास्टिक की वस्तुओं पर प्रतिबंध के लिए कार्य किए जाए। सभी ग्राम पंचायतों में प्लास्टिक पर बैन के लिए ग्राम सभाओं में प्रस्ताव पारित किया जाए। ग्राम पंचायतों में प्लास्टिक पर प्रतिबंध के संबंध में नारा लेखन कार्य एक सप्ताह के भीतर पूर्ण करावें। ग्राम पंचायतों में सामाजिक बैठकों का आयोजन कर सभी को प्लास्टिक बैन पर प्रावधानिक धारा 49 के नियमों से परिचित कराया जाए तथा इस धारा के अंतर्गत लगने वाले जुर्माने और सजा से लोगों को अवगत कराया जाए। सभी धार्मिक स्थलों पर प्लास्टिक बैन के संदेशों का प्रसारण करवाया जाए। ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक कार्यक्रमों में प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग को पूर्णतः प्रतिबंधित कराया जाए। ग्राम पंचायतों के सभी सार्वजनिक स्थलों जैसे बस स्टैण्ड, बाजार चौक, हाट-बाजार, मेला स्थलों, धार्मिक स्थलों और ग्राम पंचायत भवन में बोर्ड लेखन कर इसका प्रचार-प्रसार किया जाए। ग्राम पंचायतों के सीमा क्षेत्रों में स्थित समस्त पर्यटन स्थलों, सार्वजनिक तालाबों, सार्वजनिक स्थानों, हाट बाजारों, बस स्टैण्डों, शासकीय भवनों, चौपाल आदि स्थानों में प्लास्टिक कैरी बैग, अल्प जीवन पीवीसी, क्लोरिन युक्त प्लास्टिक तथा प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाए। सामाजिक स्तर पर विभिन्न समितियों से समन्वय कर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। पत्र में इस कार्य को सर्वाेच्च प्राथमिकता देने तथा 25 मई के पूर्व सभी कार्यों को अनिवार्य पूर्ण करने तथा पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।