दहेज देना और लेना हमारे देश में अपराध है, लेकिन फिर भी लोग दहेज देते हैं। दहेज के रूप में कहीं रुपए दिए जाते हैं, तो कहीं गाड़ियां और घर। ये चीजें दहजे में देना एक आम बात है, लेकिन क्या कभी आपने ये सुना है कि दहेज में पैसे और रुपए की जगह सांप दिया जाता हो। जी, हां चौकिए नहीं। ये एकदम सच है। भारत का ही एक ऐसा गांव है, जहां के लोग दहेज में पैसे नहीं बल्कि सांप देते हैं। ये प्रथा मध्य प्रदेश के गौरिया समुदाय में है।
ये परंपरा यहां काफी समय से यहां निभाई जा रही है। यहां ऐसी मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी बेटी की शादी में सांप नहीं देता है तो उसकी शादी जल्दी ही टूट जाती है। इस समुदाय के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यहां जब भी किसी की बेटी की शादी तय होती है, तो उस दिन से उसका पिता सांप पकड़ना शुरू कर देता है। ये सांप गेंहुअन और कोबरा जैसे जहरीले सांप भी होते हैं। सबसे आश्चर्य की बात ये है कि यहां के बच्चों को जहरीले सांपों से बिलकुल भी डर नहीं लगता है और वे इस सांप से खेतले हुए नजर आते हैं।
दरअसल, यहां के लोगों का पेशा ही सांप पकड़ना होता है। ये लोग सांप को दिखाकर ही पैसे कमाते हैं। इसी वजह से दहेज में सांप दिया जाता है। ताकि वो इन सांपों के जरिए अपनी कमाई कर सके और अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें। पेट पाल सके। सांप को सुरक्षित रखने के लिए भी यहां एक विशेष और कड़ा नियम है। माना जाता है कि यदि सांप पिटारे में मर जाता है तो पूरे परिवार के लोगों को मुंडन कराना पड़ता है। इसके साथ ही इस समुदाय के लोगों को सांप में मरने पर भोज कराना पड़ता है।