दुर्ग जिले की प्राणदायनी शिवनाथ नदी को पूरी तरह प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए बीएसपी, नेशनल हाइड्रो पावर कार्पोरेशन (एनएचपीसी) और जिला प्रशासन द्वारा समन्वय से कार्य किया जाएगा। कलेक्टर श्री अंकित आनंद ने आज इस संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक में कहा कि सालिड वेस्ट का नदी में आना पूरी तरह रोकना होगा। इसके लिए नालों में ट्रीटमेंट प्लांट के अलावा इस बात की आवश्यकता भी है कि शुरूआत से ही सालिड वेस्ट डिस्पोजल पर कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि जिले की नगर निगमों द्वारा जालियां लगाई जा रही हैं और बारिश पूर्व नालियों की सफाई भी की जा रही है यह अच्छा कदम है।
उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि चिन्हित ड्रेनेज में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएं। नदी के संवर्धन के लिए पौधरोपण भी आवश्यक है। नदी के किनारे कार्ययोजना बनाकर प्लांटेशन किया जाए। उन्होंने बायो मेडिकल वेस्ट का शत्-प्रतिशत डिस्पोजल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि विभिन्न स्थलों पर नदी के पानी की गुणवत्ता की रासायनिक जांच भी की जाए तथा जांच से आए परिणामों के अनुसार पानी की गुणवत्ता ठीक करने की दिशा में कार्य किया जाए।
बढ़ाएं सिंचाई का रकबा
कलेक्टर ने बैठक में कहा कि सिंचित रकबा का दायरा बढ़ाने के लिए जलसंसाधन विभाग की योजनाओं के साथ ही मनरेगा के अंतर्गत नये स्ट्रक्चर बनाए जाएं और पुरानी संरचनाओं का जीर्णोद्धार किया जाए। उन्होंने सिंचित रकबा बढ़ाने की कार्ययोजना अगले सप्ताह तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। बैठक में गौठान एवं बाड़ी के कार्य की प्रगति की समीक्षा की गई।
अति कुपोषित बच्चों के पोषण के लिए बनेगी कार्ययोजना
कलेक्टर ने कहा कि कुपोषण को पूरी तरह समाप्त करने के लिए विशेष योजना बनाने की जरूरत है। विशेष कुपोषित बच्चों की सूची जिला पंचायत को उपलब्ध कराई जाए ताकि जिला पंचायत द्वारा कुपोषण को समाप्त करने का रोड मैप तैयार किया जा सके।
फूड प्रोसेसिंग प्लांट के लिए करें काम
कलेक्टर ने उद्योग विभाग के अधिकारी को फूड प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के साथ सर्वे कर इच्छुक उद्यमियों को संभावित बाजार तथा कच्चा माल की उपलब्धता के संबंध में जानकारी दें।