छत्तीसगढ़ में सुंगधित धान की पैदावार करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है. सूबे के खुशबूदार चावल की मांग अब प्रदेश समेत अन्य राज्यों में की जाने लगी है. सुगंधित धान की पैदावार ने किसानों की आर्थिक स्थिति में बढ़ोतरी की तो वहीं प्रदेश का नाम भी अन्य राज्यों में सुगंधित चावल की वजह से बढ़ गई है. दिल्ली के छत्तीसगढ़ भवन में प्रदेश के सुंगधित चावल बेचने के लिए मेले का आयोजन किया जा रहा है.
एक अनुमान के मुताबिक पांच साल पहले तक छत्तीसगढ़ से दुबराज, जंवाफूल, विष्णुभोग, जीरा फूल और तरुण भोग जैसे खास सुगंधित चावल का एक्सपोर्ट सालाना पांच लाख टन था, लेकिन मांग ने कुछ इस तरह से सुगंधित चावल की खपत बढ़ाई कि एक्सपोर्ट दोगुना हो गया है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि एरोमेटिक चावल ने दिल्ली, जयपुर, मद्रास शहर के लोगों को भी अपना दीवाना बना दिया है. इसकी खुशबू और स्वाद का मजा लेने चाणक्यपुरी स्थित छत्तीसगढ़ भवन की कैंटीन में लोग पहुंच रहे हैं.
ये चावल ऑर्गेनिक के साथ-साथ सेहत के लिए बेहद लाभकारी बताये जाते हैं. लोगों की बढ़ती मांग के चलते छत्तीसगढ़ भवन में आम लोगों के लिए चावल की बिक्री के लिए योजना बनाई गई है. 15 से 20 मई तक छत्तीसगढ़ भवन में चावल बिक्री मेले का आयोजन किया जा रहा है. यहां पर छत्तीसगढ़ के सुगन्धित चावल की अनेक किस्में उपलब्ध होंगी. इसे आम लोग किफायती दाम में खरीद सकते हैं. छत्तीसगढ़ भवन के हाउस मैनेजर ने बताया कि 15 मई से सुबह 10.30 से शाम 5.30 बजे तक छत्तीसगढ़ भवन में राज्य के सुगंधित चावल की अनेक किस्में यहां उपलब्ध होंगी. इसे आम लोग किफायती दाम पर खरीद सकते हैं.
यहां पर प्रमुखतः दुबराज, विष्णु भोग, एचएमटी, श्रीराम जैसी सुगंधित चावल की किस्मे होंगी. उन्होंने बताया कि शुरुआत में उच्च क्वालिटी के चावल की छोटी खेप छत्तीसगढ़ से मंगाई है. आर्गनिक और एरोमेटिक चावल के कई लाभ हैं. इसमें स्टार्च की मात्रा अधिक होती है. इसके अलावा बालियों में छोटा व पतला दाना है, जो प्राकृतिक तत्वों से भरपूर होता है. इस विशेष चावल में एंटी आक्सिडेंट की मात्रा ज्यादा है. इसके अलावा इसमें विटामिन ई, फाइबर और प्रोटीन की प्रचुरता सामान्य चावल से ज्यादा होती है.