छत्तीगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से 10वीं और 12वीं के नतीजे आने के पूर्व बच्चों और पालकों की फोन के माध्यम से काउंसिलिंग की। बतौर विशेषज्ञ माध्यमिक शिक्षा मंडल की सहायक प्राध्यापक प्रीति शुक्ला, सहायक प्राध्यापक सीमा वर्मा और सहायक प्राध्यापक अलका दानी ने बच्चों से पूछे गए सवालों के जवाब दिए। वहीं क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. स्वाति शर्मा ने कहा कि बच्चों के हाव-भाव पर नजर रखें और दूसरों से कंपेयर न करें।
पालकों को समझाया- बच्चों का अंकों से न करें आकलन
मौके पर विशेषज्ञों ने फोन पर पालकों को समझाया कि बच्चों के कम अंक आने पर उनकी तुलना दूसरे बच्चों के साथ न करें। तुलना करने से बच्चों के अंदर खुद से प्रतिस्पर्धा खत्म हो जाती है। इससे बच्चों के मानसिक विकास पर भी असर पड़ता है। हर बच्चे की क्वालिटी अलग होती है। अंकों से बच्चों का आकलन न करें।
बच्चों ने पूछा- कितने प्रतिशत आ रहा अंक
वहीं सवालों में ज्यादातर बच्चों ने कितने प्रतिशत अंक आ रहा है। उस विषय पर सवाल किया। बच्चों में 10वीं और 12वीं के नतीजों के लिए काफी उत्सुकता दिखी। वहीं मौके पर पालकों से बातचीत में विशेषज्ञों ने बताया कि नतीजों के बाद बच्चों के मनोभाव ठीक न लगे तो तत्काल काउंसलर के पास ले जाए उसे निगरानी में रखें यह कोई अंतिम परीक्षा नहीं है। परिणाम कुछ भी हो, हर परिस्थिति में बच्चे का साथ दें।