कहते है मौत कभी भी कही से भी आ सकती है। पर आजकल हार्ट अटैक से होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। हार्ट अटैक से रोज कई लोगों की मौत हो जाती है। यह ऐसी बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है।
यह बीमारी ज्यादादत वृद्ध लोगोें में देखी जाती है। लेकिन आज के समय में युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। पर हाल ही में वैज्ञानिकों ने इस होने वाली अक्समात मौत से बचने के लिए उपाय ढूंढा जा सकता है। अमेरिका के येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस मामले पर शोध करके इसका इलाज ढूंढा है।
शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में एक खास रसायन की मदद से मृत कोशिकाओं को जीवित करने की कोशिश की है, जिसमें उनको सफलता मिली है। लेकिन यह सफलता उनकों आधी अधूरी ही मिली क्योंकि इस रसायन से चार घंटे पहले खत्म हो चुके दिमाग को आधा ही जिन्दा किया गया।
शोधकर्ता बताते है कि अगर दिमाग के अंदर के हिस्से को सर्कुलेट होना है,तो जरूरी है कि कोशिकाओं को पुनर्जीवित होना जरूरी है। पर इस शोध को न्यूरोसाइंस डिपार्टमेंट के दूसरे प्रोफेसर वोनिमीर वरसेल्जा ने चिकित्सा के क्षेत्र में बेअसर बताया है। क्योंकि उनका कहना है कि इस प्रयोग से दिमाग को पुनर्जिवित नहीं हो सकता है।
यह बात इसलिए कहीं क्योंकि वो मानते है कि इसमें सोचने समझने की क्षमता उत्पन्न नहीं होती है। उन्होंने इसके बारे में कहा कि इसका प्रयोग दुर्घटना में मस्तिष्क कोशिकाओं की क्षतिपूर्ति हेतु किया जा सकता है। उस जगह यह पद्धिति कारगार साबित हो सकती है।