मंगलवार का दिन हनुमान जी का दिन माना जाता है, इस दिन इनकी पूजा आराधना करने से विशेष लाभ मिलता है। अगर हनुमान जी की कृपा मिल जाती है तो व्यक्ति को बल, बुद्धि, विद्या मिलने के साथ ही जीवन में आने वाले सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही शास्त्रों में माना जाता है कि मंगलवार के दिन अगर कोई श्रद्धापूर्वक सुंदरकांड का पाठ करता है तो जीवन के सभी मनोरथ पूर्ण होते है। आज हम इस लेख में मंगलवार के दिन किस प्रकार सुंदरकांड का पाठ करना चाहिये इस बारे मे बता रहे हैं।
सुन्दरकाण्ड का पाठ करने से पहले मन में विश्वास रखें और हनुमाजी से प्रार्थना करें जिससे काम कीसारी बाधा का निवारण हो।क्योंकी हनुमानजी ने श्री राम जी के सब काज संवारे थे, वैसे ही हमारे सारे काम हनुमान जी संवारे। सुंदरकांड में तीन श्लोक, साठ दोहे तथा पांच सौ छब्बीस चौपाइयां हैं, इसके प्रथम तीस दोहों में श्री राम के गुणों का वर्णन है। सुंदर कांड में चौबीस चौपाइयों आती है ।
- सुंदर काड का पाठ करने के लिए सबसे पहले सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद हनुमानजी और श्री राम की प्रतिमा पर फूलमाला चढ़ा कर दीप जलाएं और भोग अर्पित करे।
- सुंदरकांड का पाठ शुरू करने से पहले गणेश की पूजा करे इसके बाद राम जी की वंदना कर सुन्दरकाण्ड का पाठ शुरू करे।
- सुन्दरकाण्ड प्रारम्भ करने के पहले हनुमानजी व राम चन्द्र जी का आवाहन करें, इसके बाद पाठ के पूर्ण होने के बाद श्री हनुमान आरती और श्री राम जी आरती करे।
- जब सुन्दर कांड पूर्ण हो जाये तो भगवान को भोग लगा कर, आरती करके, उनकी विदाई भी करें।
- सुन्दर कांड के पाठ में भाग लेने वालो को आरती और प्रसाद दे और स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें।सुंदरकांड के पूर्ण होने के बाद पुस्तक को लाल कपड़े में लपेटकर पूजा स्थान पर रख दें।