लोकसभा चुनाव 2019 में छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर तीन चरणों में वोटिंग हो चुकी है. पहले चरण में 11 अप्रैल को बस्तर, दूसरे चरण में 18 अप्रैल को कांकेर, महासमुंद और राजनादंगांव एवं तीसरे चरण में 23 अप्रैल को दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर-चांपा, रायगढ़ और सरगुजा सीट पर वोटिंग हुई. प्रदेश की जनता ने सभी सीटों पर कुल 166 प्रत्याशियों का राजनीतिक भविष्य ईवीएम में कैद कर दिया है, जिसका ऐलान 23 मई को हो जाएगा.
इस बीच लोकसभा चुनाव 2019 के सियासी सफर की बात करें तो छत्तीसगढ़ के लिहाज से ये चुनाव कई मायनों में यादगार रहेगा. 2019 के लोकसभा चुनाव में ऐसी कई घटनाएं हुईं, जिन्हें छत्तीसगढ़ की राजनीति के इतिहास में लंबे समय तक याद किया जाएगा.
नया प्रयोग
लोकसभा चुनाव 2019 में छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राष्ट्रीय दलों ने एक नया प्रयोग किया. बीजेपी ने जहां सभी सांसदों की टिकट काट दिए. वहीं कांग्रेस ने भी ऐसे किसी नेता को टिकट नहीं दिया, जिन्हें साल 2014 के आम चुनावों में हार मिली थी. साल 2014 में सूबे से कांग्रेस की टिकट पर एक मात्र सांसद ताम्रध्वज साहू चुने गए थे, जो इस समय राज्य सरकार में मंत्री हैं. इसलिए उनकी जगह भी दूसरे को मौका दिया गया. यानी कि दोनों ही राष्ट्रीय दलों ने इस बार सूबे की सभी 11 सीटों पर नये चेहरों को मैदान में उतारा है. प्रदेश में पहली बार किसी भी चुनाव में इस तरह का प्रयोग बीजेपी और कांग्रेस ने किया है.
न्याय की नीव
कांग्रेस जिस न्याय (न्यूनतम आय योजना) का वादा कर पूरे देश में चुनाव लड़ रही है. उसकी नीव भी छत्तीसगढ़ में ही रखी गई थी. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने 28 जनवरी को छत्तीसगढ़ से लोकसभा चुनाव 2019 के प्रचार की हुंकार भर दी थी. विधानसभा चुनाव 2018 में मिली बंपर जीत के बाद छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के अटल नगर में आयोजित किसान आभार रैली में राहुल गांधी ने न्याय को जनघोषणा पत्र में शामिल करने के संकेत दिए थे.
रायपुर में किसान आभार रैली की फाइल फोटो.
रायपुर में राहुल गांधी ने कहा, ‘2019 में कांग्रेस की सरकार बनने पर गरीबों के लिए ऐसा काम किया जाएगा, जो अब तक पूरी दुनिया में किसी भी सरकार ने नहीं किया है. वर्ष 2019 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर गरीबों के लिए न्यूनतम आमदनी कानून लागू किया जाएगा. इसके तहत हर गरीब के बैंक एकाउंट में न्यूनतम आमदनी की राशि डाली जाएगी. ऐसा करने वाली कांग्रेस सरकार दुनिया की पहली सरकार बन जाएगी.’
पीएम मोदी का स्वागत करते छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल. फाइल फोटो.
आईना पॉलिटिक्स
छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियों के बीच कांग्रेस ने सूबे में एक अभियान चलाकर मतदाताओं का ध्यान अपनी ओर खींचने की कोशिश की. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पीएम नरेन्द्र मोदी को उपहार में एक आईना भेजा और खुला पत्र लिखा. इसमें उन्होंने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए लिखा है कि बार-बार आईने में देखें और अपनी असली तस्वीर पहचानने की कोशिश करें. मुख्यमंत्री के इस कदम के बाद पूरे कांग्रेस ने इसे अभियान के रूप में ले लिया है और बीजेपी के अलग नेताओं और पूर्व सरकार का हिस्सा रहे लोगों को आईना भेजा गया. इसके बाद कांग्रेस ने आईना देखो मोदी जी..स्लोगन से वीडियो सॉंग भी जारी किया.
नक्सल हिंसा में बीजेपी विधायक की हत्या
लोकसभा चुनाव 2019 में पहले चरण की वोटिंग से दो दिन पहले नक्सलियों काली करतूत को अंजाम दिया. 9 अप्रैल को बस्तर संसदीय क्षेत्र के दंतेवाड़ा के नकुलनार में नक्सलियों बीजेपी विधायक भीमा मंडावी के काफिले पर हमला कर उनके वाहन को आईईडी ब्लास्ट कर उड़ा दिया. इस घटना में विधायक भीमा मंडावी और चार पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. बस्तर संसदीय क्षेत्र में 11 अप्रैल को वोटिंग हुई.
सुनने में आए नये नारे
लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारी छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2018 के परिणाम सामने आने के बाद से ही शुरू कर दी गई थी. इस बीच नये नारे भी सुनने को मिले. कांग्रेस पार्टी की राज्य सरकार ने पुरानी सरकार से जुड़े लोगों के मामलों की नये सिरे से जांच शुरू की तो बीजेपी ने बदलापुर की राजनीति का नारा दिया. इसपर पलटवार कर कांग्रेस बदलावपुर की राजनीति का नारा दे दिया.
पीएम मोदी का स्वागत करते छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह. फाइल फोटो.
नई सरकार द्वारा ताबड़तोड़ तबादलों पर बीजेपी ने कांग्रेस पर तबादला उद्योग चलाने का नारा दे दिया. इसके बाद एक बयान में जब पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने भूपेश बघेल को कथित तौर पर छोटा आदमी कह दिया तो कांग्रेस ने मैं भी चौकीदार की तर्ज पर सोशल मीडिया में अपने नाम के आगे छोटा आदमी लिखना शुरू कर दिया.
बहरहाल लोकतंत्र के महापर्व में प्रदेश की जनता ने अपना कर्तव्य पूरा कर 11 सीटों पर 166 प्रत्याशियों की किस्मत लिख दी है, जिसका ऐलान 23 मई को हो जाएगा. जीत चाहे जिसकी हो, लेकिन ये तो तय है कि कई मायनों में लोकसभा चुनाव 2019 प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में अहम स्थान रखेगा.