नई दिल्ली। चुनावी माहौल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने बुधवार को रोचक साक्षात्कार लिया। इसमें अक्षय कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन से जुड़े तमाम सवाल पूछे। खास बात यह रही कि इसमें राजनीति को लेकर बात नहीं हुई। इस दौरान तमाम मौकों पर प्रधानमंत्री ने अपने जीवन से जुड़े ऐसे किस्से सुनाए, जो आज से पहले किसी को नहीं पता थे। अक्षय के एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने जहां अपना रिटायरमेंट प्लान बताया, वहीं समाजवादियों पर एक तंज भी कसा।
रिटायरमेंट प्लान के सवाल पर पीएम ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि रिटायर होने का बाद सबसे पहले मैं अपनी नींद बढ़ाने के बारे में सोचूंगा। उन्होंने जवाब दिया, ‘हम लोगों के इनर सर्कल की एक मीटिंग थी, जिसमें अटल जी, आडवाणी जी, राजमाता सिंधिया जी, प्रमोद महाजन और सबसे छोटा मैं था। बातें चलीं कि रिटायरमेंट के बाद क्या करेंगे। यह सवाल मुझसे पूछा गया तो मैंने कहा मुझे तो कुछ आता ही नहीं, इस बारे में सोचा नहीं। इसलिए कल्पना ही नहीं होती कि समय बिताने के लिए कुछ करना पड़ेगा। मुझे पक्का लगता है कि शरीर का कण-कण और समय के पल-पल किसी मिशन में लगाऊंगा।’
वहीं समाजवादियों पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘बहुत साल पहले मैं पुणे स्टेशन पर उतरा और आरएसएस के दफ्तर की तरफ पैदल ही जाने लगा। एक ऑटोवाला भी धीरे-धीरे साथ चलता गया। करीब 100-200 मीटर के बाद मेरा ध्यान उस पर गया। उसने पूछा आप नहीं बैठोगे। मैंने कहा मैं पैदल जा रहा हूं। उसने पूछा आप समाजवादी हैं। मैंने कहा कि नहीं मैं अहमदाबादी हूं। मैंने पूछा समाजवादी क्यों? उसने कहा कि पुणे के समाजवादी लोग वह स्टेशन पर पब्लिक से सामने ऑटो में नहीं बैठते। दूर जाकर गुपचुप बैठ जाते हैं।’
पीएम मोदी ने कहा,प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता दीदी मेरे लिए साल में एक-दो कुर्ते भी भेजती हैं। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना वहां की मिठाई भिजवाती हैं। जब ममता दीदी को ये पता लगा तो उन्होंने भी मिठाई भिजवाना शुरू कर दिया।” अक्षय कुमार ने पीएम से सवाल किया कि क्या आप अपनी सैलरी में से अपनी मां को कुछ भेजते हैं? इस पर पीएम ने कहा, “मैं नहीं भेजता। मेरी मां ही मुझे दे देती हैं। आज भी जाता हूं तो हाथ में सवा रुपया दे देती हैं।”
पीएम से बातचीत के दौरान अक्षय ने ये भी पूछा कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी मां के साथ क्यों नहीं रहते? इस पर उन्होंने जवाब दिया, “मैंने बहुत कम आयु में घर-बार, परिवार छोड़ चुका हूं। ऐसे में उतना अटैचमेंट नहीं रहा। मन तो होता है। कुछ दिन मां को बुला लिया था। उनके साथ समय बिताया। मां ने भी कहा कि मेरे पीछे क्या समय खराब करते हो। मैं गांव में रहूंगी, वहां लोगों से बातें करूंगी। मां भी देखती है कि कितना बिजी शेड्यूल है।”
सवालों के सिलसिले में एक सवाल ये भी आया कि क्या प्रधानमंत्री को गुस्सा आता है? प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राजी, नाराजी, गुस्सा, मनुष्य के व्यवहार की चीजे हैं। अगर मैं कहूंगा कि गुस्सा नहीं होता, तो विश्वास नहीं किया जा सकता। कड़क हूं। अनुशासित हूं। किसी को नीचा दिखा कर काम नहीं कराता, बल्कि प्रेरित कर के काम करवाता हूं।