मध्य प्रदेश के इंदौर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने प्रत्याशी घोषित कर दिया है. ताई और भाई की रस्सा-कशी के बीच पार्टी ने सांई पर विश्वास जताया है. बीजेपी ने इंदौर लोकसभा सीट से सांई यानि शंकर लालवानी को उम्मीदवार बनाया है. जिसके बाद ये नारा उछल पड़ा है कि ‘न ताई न भाई इंदौर से सांई’.
बीजेपी लम्बी जद्दोजहद के बाद इंदौर सीट से शंकर लालवानी का नाम तय कर पाई. टिकट मिलने के बाद शंकर लालवानी सुमित्रा महाजन के घर पहुंचे और उनका आशीर्वाद लिया. सुमित्रा महाजन इंदौर सीट से पिछली आठ लोकसभा चुनाव लगातार जीतती आ रही हैं. लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने इस बार चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था. इसके बाद यहां मुख्य दावेदार भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को माना जा रहा है था. लेकिन उन्होंने भी चुनाव में उतरने से इंकार कर दिया था.
शंकर लालवानी को पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान का करीबी माना जाता है. साथ ही सुमित्रा महाजन के भी वे करीबी हैं. वे इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहने के साथ ही शहर भाजपा अध्यक्ष भी रह चुके हैं. लालवानी की उम्मीदवारी के बाद सुमित्रा महाजन ने कहा कि हम सब उनके साथ हैं और चुनाव जीतकर दिखाएंगे. वहीं शंकर लालवानी ने कहा कि शहर की आवश्यकता को ध्यान में रखकर जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठजनों और प्रबुद्धजनों के साथ मास्टर प्लान बनाकर इंदौर को देश का नंबर वन शहर बनाना हमारा लक्ष्य .है सिंधी वोटर्स की दम पर टिकट के सवाल पर लालवानी ने कहा कि बीजेपी जाति देखकर टिकट नहीं देती.